छिंदवाडा(भगवानदीन साहू)-संस्कृत पुस्तकोन्नति सभा द्वारा संचालित संत श्री आशारामजी बापू आश्रम खजरी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गुरुपूर्णिमा महापर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। समिति द्वारा सभी साधकों को पहले से ही सूचित किया गया था कि कोरोना काल को देखते हुए सभी साधक भक्त घर में रहकर ही परिवार सहित गुरुपूर्णिमा मनाएं। फिर भी हजारों की संख्या में भक्तों ने आश्रम में उपस्थिति दर्ज की। प्रातः 6 बजे से ही भक्तों का तांता लगा रहा। समिति द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से आश्रम के प्रवेश द्वार पर सभी श्रद्धालु भक्तों का थर्मल स्कैनिंग द्वारा तापमान चैक करते हुए मास्क वितरण किया और सोशल डिस्टेंसिंग की कड़ी हिदायत दी। गुरुपूर्णिमा पर्व सभी साधकों एवं भक्तों के लिए विशेष दिन होता है। आज गुरु को अर्पण करने का दिन होता है। क्योंकि वर्ष भर तो गुरु हमें देते ही हैं। गुरुपूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहतें हैं। पूज्य बापूजी जब जोधपुर जेल नहीं गए थे तब जिले के सैकड़ों साधक प्रतिमाह की पूनम मनाने देश के कोने कोने से जाते रहे हैं। इनका नियम था कि जब तक गुरु दर्शन ना हो तब तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करते थे। आज ऐसी ही भीड़ देश के 550 आश्रमों में जारी रही है। यह देश भर में करोड़ों लोगों की बापूजी के प्रति अटूट श्रद्धा को दर्शाता है। समिति द्वारा आज गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को राशन व जीवनोपयोगी वस्तुएं भेंट की गई। लिंगा आश्रम एवं गुरुकुल में भी भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। इस दैवीय कार्य में अहमदाबाद आश्रम से आये लक्ष्मीकांत द्विवेदी, खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई, गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े, साध्वी प्रतिमा बहन, साध्वी रेखा बहन, महिला समिति से सुमन दोईफोड़े, डॉ. मीरा पराड़कर, छाया सूर्यवंशी, करुणेश पाल, शकुंतला कराडे, वनिता सनोडिया, योगिता पराड़कर मुख्य रूप से उपस्थित थे।

