चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जहां प्रदेश की पंचायती कृषि भूमि के एक-तिहाई हिस्से पर पौधारोपण की पॉलिसी बनाई थी, वहीं अब इस पॉलिसी में नया पेंच फंस गया है। अब कैप्टन सरकार कृषि भूमि की बजाय ग्राम पंचायतों की खाली व बंजर पड़ी जमीन तक ही पौधारोपण को सीमित करना चाहती है। ऐसे में पौधारोपण का पूरा मामला अभी तक कागजी औपचारिकताओं में उलझा हुआ है। बादल सरकार की ओर से फरवरी 2017 में लागू पॉलिसी को करीब एक साल होने वाला है लेकिन अभी तक मुहिम का आगाज नहीं हो पाया है। वहीं अब नई सरकार की मंशा को ध्यान में रखते हुए हाल ही में पंचायत विभाग के उच्चाधिकारियों ने बैठक में इस मुद्दे पर मंथन भी किया। बैठक में कहा गया कि पहले चरण में पौधारोपण को केवल पंचायतों की खाली व बंजर जमीन तक ही सीमित रखा जाए। इसके बाद अगर पौधारोपण हो भी तो उसके लिए ऐसी जमीन चिन्हित की जाए जो ग्राम पंचायतों को सबसे कम रैवेन्यू देती है।