छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- शहर के सामाजिक कार्यकर्ता भगवानदीन साहू ने म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दर्ज की है जिसमे केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली , जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा , केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 के प्राचार्य और केंद्रीय विद्यालय 2 के प्राचार्य को प्रतिवादी बनाया है। याचिका का क्रमांक WP 14889 । 2022 है । याचिका में बताया कि मैंने अपने भांजे काव्यांश हिवसे और कौशिक हिवसे पिता कैलाश हिवसे के दाखिला हेतु क्लास 1 के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था । दोनो केंद्रीय विद्यालयों में 80 -80 सीटें उपलब्ध थी । इस वर्ष लगभग 2 हजार पालकों ने दाखिला हेतु आवेदन किया था । अत्यधिक आवेदन फार्म आने के कारण भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देश पर बच्चों का चयन लाटरी सिस्टम से किया गया । मेरे दोनो भांजे का नाम दोनो केंद्रीय विद्यालय के चयन सूची में आया । केंद्रीय विद्यालयों के बुलावे पर में जब दाखिला करवाने गया तो वहां पदस्थ कर्मचारियों ने नियमो का हवाला देते हुए प्रवेश देने से साफ इंकार कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया । जिसकी शिकायत मेरे द्वारा 09-05-2022 को जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा और केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली को की । इस पर जिला कलेक्टर ने केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 के प्राचार्य को लिखित रूप से आदेशित किया । इस सत्र में भारत सरकार ने स्थानीय सांसद , विधायक और मंत्रियों के प्रवेश के कोटे को समाप्त कर जिला कलेक्टर को 10 सीट आबंटित करने का अधिकार दे दिया । केंद्रीय विद्यालय ने जानबूझकर कर जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की । केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 और 2 की मन्सा प्रतीक्षारत जान पहचान वालों के बच्चों को दाखिला देने की थी । इन लोगों ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशों की जानबूझकर कर अवहेलना कर चयनित बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया जो अपराध की श्रेणी में आता है।