मेरीलैंड, अमेरिका, 11 जनवरी 2022, (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
लोगों को नई जिंदगी देने के लिए डॉक्टर्स हर संभव कोशिश करते हैं। कई बार तो ऐसी-ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनके बारे में सुनकर काफी हैरानी भी होती है। विज्ञान ने प्रगति की राह पर चलते-चलते आज एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया है कि इंसानी जिस्म में सूअर का दिल भी धड़क सकता है। अमेरिका से, जहां मेडिकल साइंस ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां के डॉक्टर्स ने इंसान को नई जिंदगी देने के लिए मरीज के शरीर में सूअर का दिल लगा दिया। हालांकि, मरीज की हालत अब तक नहीं सुधरी है। लेकिन, इस ट्रांसप्लांट की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। ये कोई विज्ञान का उपहास नहीं है बल्कि मैरीलैंड में घटित घटना की हकीकत है। वहाँ दिल की बीमारी से जूझ रहे एक कथित तौर पर मेडिकल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि सर्जनों ने इस तरह अंग ट्रांसप्लांट के बाद सफलता पाई हो। अब अनुमान है कि इस विकास से आने वाले समय में अंगदान करने वालों की कमी से निपटा जा सकेगा। इस केस में सूअर को एक अंग दाता के तौर पर इस्तेमाल किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, डेविड बेनेट/दवे बेनेट नामक शख्स पर ये प्रयोग हुआ। सर्जरी के बाद उनके बेटे ने कहा कि ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। यही तो मेरे पिता को चाहिए था और यही मुझे लगता है कि मेरे पिता को मिल गया है।
बता दें कि ये सर्जरी 9 घंटे में पूरी की गई। डॉक्टरों ने मरीज के दिल को 1 साल के सूअर के दिल के साथ रिप्लेस किया, जिसका वजन 240 पाउंड था और उसके जीन एडिट किए गए थे। बेनेट इस सूअर का दिल पाकर अब बिन वेंटिलेटर के सांस ले पा रहे हैं। हालाँकि कुछ समय उन्हें ईसीएमओ मशीन पर रखा गया है। डॉक्टर धीरे-धीरे उन्हें इस मशीन से हटाएँगे।
In a first-of-its-kind surgery, a 57-year-old patient with terminal heart disease received a successful transplant of a genetically-modified pig heart and is still doing well three days later: University of Maryland Medical Center
— ANI (@ANI) January 11, 2022
मैरीलैंड के रहने वाले 57 वर्षीय डेविड बेनेट को कई गंभीर बीमारियां थीं। उनके हर्ट की हालत भी काफी खराब हो गई थी। लेकिन, मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर्स ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन, डेविड को नई जिंदगी देने के लिए हर्ट ट्रांसप्लांट करना बेहद जरूरी था। लिहाजा, उसके शरीर में सूअर का दिल लगाने का फैसला किया गया।
उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक लंबे समय से इस विषय पर जाँच कर रहे थे कि कैसे जानवरों के अंगों की मदद से इंसानी जीवन बचाया जा सके। मैरीलैंड निवासी डेविड कहते हैं, “मेरे पास दो ही विकल्प थे, या तो मरूँ या फिर यह ट्रांसप्लांट करवाऊँ। मैं जीना चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है, लेकिन यह मेरी आखिरी इच्छा है।” पिछले कई महीनों से हार्ट-लंग बाईपास मशीन के सहारे बिस्तर पर पड़े बेनेट ने कहा, “मैं ठीक होने के बाद बिस्तर से बाहर निकलने के लिए उत्सुक हूँ।”
इस नई तरह की सर्जरी के बारे में पता हो कि इसके लिए मंजूरी न्यू ईयर ईव पर अमेरिकी प्रशासन ने दी थी, जिसके सफल होने पर इसे करने वाले डॉक्टर बार्टले ग्रिफिथ ने कहा कि यह एक सफल सर्जरी थी। अब अंगों की कमी से निपटने के लिए हम एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। मालूम हो कि इस प्रयास से पूर्व एक कोशिश Montogomery में सितंबर में भी हुई थी उस समय भी सूअर का दिल ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल हुआ था, हालाँकि वो सर्जरी सफल नहीं थी और व्यक्ति का ब्रेन डैमेज हो गया था।