⛅ दिनांक – 07 दिसम्बर 2021
⛅ दिन – मंगलवार
⛅ विक्रम संवत – 2078
⛅ शक संवत -1943
⛅ अयन – दक्षिणायन
⛅ ऋतु – हेमंत
⛅ मास – मार्ग शीर्ष मास
⛅ पक्ष – शुक्ल
⛅ तिथि – चतुर्थी रात्रि 11:42 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ नक्षत्र – उत्तराषाढा रात्रि 12:12 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग – वृद्धि शाम 04:24 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहुकाल – शाम 03:14 से शाम 04:35 तक
⛅ सूर्योदय – 07:04
⛅ सूर्यास्त – 17:55
⛅ दिशाशूल – उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी
? विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? स्फूर्तिदायक पेय ?
☕ 2 चम्मच मेथीदाना 200 मि.ली. पानी में रात को भिगोकर रखें। सुबह धीमी आँच पर चौथाई पानी शेष रहने तक उबालें। छानकर गुनगुना रहने पर 2 चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर पियें। दिन भर शक्ति व स्फूर्ति बनी रहेगी।
?? ऋषि प्रसाद, नवम्बर 2010
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? शक्ति संवर्धक आहार ?
? बाजरे के आटे में तिल मिलाकर बनायी गयी रोटी पुराने गुड़ व घी के साथ खाना, यह शक्ति-संवर्धन का उत्तम स्रोत है। 100 ग्राम बाजरे से 45 मि.ग्रा कैल्शियम, 5 मि.ग्रा. लौह व 361 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। तिल व गुड़ में भी कैल्शियम व लौह प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।
?? ऋषि प्रसाद, नवम्बर 2010
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए ?
? तुलसी की अथवा गाय की ९ बार प्रदक्षिणा करने से व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है ..ऐसे ही ओंकार जप से सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवत प्रीति भी बढ़ती है तुलसी और गौ का आभा मंडल ३ मीटर की दूरी तक फैला होता है वैज्ञानिक लेमों मूर्ति ने कहा है कि गौ, तुलसी, पीपल, सफ़ेद आंकड़ा, गोबर ये घनात्मक ऊर्जा देते हैं
?? -पूज्य बापूजी मुंबई 31/12/2011
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? नारी सौभाग्य मंत्र ?
? किसी के घर में ज्यादा उपद्रव होता हो, ज्यादा अशांति होती हो और बहने बेचारी तंग आ गयी हों, तो एक नारी सौभाग्य कर्ण मंत्र आता है। बीज मंत्र हैं उसमें, ८ अक्षर हैं उसमें। ८ अक्षर में से ४ बार तो ॐ ही आता है। ४ अक्षर दूसरे हैं तो कितना सरल हो गया ।
? ॐ ॐ ह्रीं ॐ क्रिम ह्रीं ॐ स्वाहा ।
?? और इसकी १० माला जपनी होती है सूर्य उगने से पहले । और सुहागन स्त्री को । पुरुष को नही जपना है ।
?? – Shri Sureshanandji
? हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर
? हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)