संगरूर, (सुभाष भारती): रणबीर कॉलेज में तीज का त्योहार मनाने पहुंची भाजपा महिला मोर्चा की सदस्यों को किसानों के गुस्से का करना पड़ा सामना। भाजपा के प्रोग्राम का पता चलते ही संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रणबीर कॉलेज के बाहर पहुंच गए। जिसे देखते हुए पुलिस ने रणबीर कॉलेज के गेट बंद कर दिए। जिसके बाद किसानों ने कॉलेज के बाहर ही धरना देकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसी भी अप्रिय घटना के मद्देनजर कॉलेज परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसानों ने 2 घंटे तक धरना देकर भाजपा महिला नेताओं का विरोध किया। भाजपा की महिला मोर्चा की जिला प्रधान मीना खोखर की अगुवाई में स्थानीय रणबीर कॉलेज में बुधवार शाम तीज का त्योहार समागम (मेला तीयां तीज दीयां) का आयोजन किया गया था जिसमें महिला मोर्चा की राज्य प्रधान मोना जायसवाल ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत करनी थी, हालांकि वह इस समागम में नहीं पहुंची। इस प्रोग्राम का पता चलते ही संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रेलवे स्टेशन के बाहर चल रहे किसानों के आंदोलन स्थल (पक्का मोर्चा) पर जुटना शुरू हो गए। शाम करीब साढे चार बजे किसान मोर्चे के सदस्यों ने रणबीर कॉलेज की तरफ रोष मार्च निकालना शुरू कर दिया जिसका पता चलते ही पुलिस भी रणबीर कॉलेज के समक्ष जुट गई और कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया गया जिसके बाद किसानों ने वहीं पर धरना शुरू कर दिया।
सामाजिक समागमों का विरोध करने से रद्द नहीं होंगे कानून – दियोल
भाजपा के जिला प्रधान रणदीप दियोल का कहना है कि महिलाएं रणबीर कॉलेज में तीज का त्योहार मिलजुल कर मना रही थी। किसानों के विरोध को देखते हुए वह मौके पर पहुंचे। ऐसे सामाजिक समागमों का विरोध करने से कानून रद्द नहीं होंगे। केन्द्र सरकार कई बार बातचीत के लिए किसानों को बुला चुकी है। किसानों को केन्द्र के साथ बातचीत करने वाला रवैया अपनाना चाहिए।
कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए समागम स्थल पर पुलिस की तैनात – एसएचओ
एसएचओ गुरवीर सिंह का कहना है कि कानून व्यवस्था को देखते हुए समागम स्थल पर पुलिस को तैनात किया गया। छोटे गेट से लोग बिना किसी रुकावट के आ जा रहे हैं। किसान कॉलेज के बाहर सडक़ पर धरना लगाकर बैठे है, जिन्हें समझाया जा रहा है।
भाजपा नेताओं को केंद्र पर कृषि कानूनों को रद्द करने का दबाव बनाना चाहिए- लौंगोवाल
किसान नेता भूपिंदर लौंगोवाल ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसान पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे है। पंजाब और दिल्ली की सीमाओं पर पक्के मोर्चे लगाए गए है परंतु केन्द्र सरकार जिद्दी रवैया अपना रही है। किसान आंदोलन दौरान 500 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके है जिसकी सरकार को कोई फिक्र नहीं है। सरकार सिर्फ अपने कार्पोरेट मित्रों के बारे में सोचकर कृषि कानूनों को लागू करना चाहती है जबकि यह कानून किसानों को बर्बाद करके रख देंगे। दूसरी तरफ भाजपा नेता पंजाब में ऐसे खुशी के प्रोग्राम मनाकर किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम कर रही है। पंजाब के भाजपा नेताओं को चाहिए कि वह केन्द्र सरकार पर कृषि कानूनों को रद्द करने का दबाव डाले। उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं किए जाएंगे तब तक भाजपा नेताओं को कोई भी प्रोग्राम नहीं करने दिया जाएगा।
भाजपा की तरफ से नहीं केवल महिला के तौर पर इस प्रोग्राम में भाग लिया है, किसानों का प्रदर्शन जायज नहीं – खोखर
भाजपा महिला मोर्चा की जिला प्रधान मीना खोखर का कहना है कि तीज का त्योहार पंजाब का सांझा त्योहार है जिसे प्रत्येक वर्ग की महिलाएं धूमधाम के साथ मनाती है। यह कोई राजनीतिक प्रोग्राम नहीं था और न ही इस प्रोग्राम में किसी राजनीतिक पार्टी के नेता ने शिरकत करनी थी। मैं खुद भी महिला के तौर पर इस प्रोग्राम में पहुंची हूँ। यदि किसानों का केन्द्र सरकार के साथ कोई रोष है तो उन्हें केन्द्र सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए और ऐसे त्योहार के मौके इस तरह के प्रदर्शन बिल्कुल भी जायज नहीं है।