सुअर पकड़ने के ठेके के कारण उपजे विवाद में प्रशासन दोषी।
अम्बाला छावनी नगरपरिषद द्वारा सुअर पकड़ने के ठेके को कानून के राज की बजाए जंगल राज का प्रतीक बताते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि ठेका देना किसी भी समस्या का हल नही है। नगरपरिषद द्वारा तीन महीने का सुअर पकड़ने का ठीक 3,20,000/- रुपये में दिए गए जिसके कारण ठेका लेने वाले व्यक्ति गब्बर द्वारा सुअर पकड़े जाने पर दूसरे पक्ष ने महेश नगर पुलिस स्टेशन में ठेकेदार के खिलाफ चोरी की दरखास्त दे दी। मोके पर दोनो पक्षो का फैसला करवाने पहुंचे ओंकार सिंह ने कहाकि सुअर पकड़ने के ठेके के कारण उपजे विवाद के लिए प्रशासन दोषी है। प्रशासन को समस्या का स्थायी हल करना चाहिए। ठेके की शर्तों अनुसार जो भी सुअर ठेकेदार पकड़ेगा वो ठेकेदार के हो जाएंगे। यह तो जंगलराज ही हुआ,कि किसी की सम्पत्ति सरकार के ठेके के कर किसी ठेकेदार की हो जाएगी। यह कुदरत के नियम के साथ साथ किसी भी नियम के अनुसार उचित नही है। सरकार को सुअरपालको की समस्या के स्थायी हल के लिए सुअरफार्मिंग के लिए अलग स्थान निर्धारित करना चाहिए ताकि सुअर पालक वहां बिना किसी डर,भय व खोफ के व्यवसाय कर सकें औऱ राहत की सांस ले सके। उन्होंने कहाकि सुअर पालन कानूनी व्यवसाय है और सरकार इस व्यवसाय की बढ़ोतरी के लिए स्कीम अनुसार प्रशिक्षण, ऋण व सब्सिडी भी देती है लेकिन दूसरी तरफ इस व्यवसाय को करने वालो को आधारभूत सुविधाए मुहैया करवाने की बजाए उनके सुअर पकड़ लेना सरासर अन्याय है। सरकार व प्रशासन का कार्य जनता को सुविधाएं उपलब्ध करवाना होता है न कि छोटी छोटी बात पर जनता को दण्डित करना। सुअर पकड़ने का यदि ठेका देना भी है तो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि एक निश्चित समय अंतराल तक सुअर मालिक निर्धारित जुर्माना व सुअर रखने का खर्च अदा करके सुअर वापिस ले सके। किसी के सुअर पकड़ कर बिना उसकी सहमति के सुअर काटने के लिए भेज देना यह सुअर मालिको के साथ अन्याय तो है ही साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम के तहत भी अपराध है। इस सम्बंध में पहले भी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था लेकिन अभी तक कोई समाधान नही निकला। मुख्यमंत्री को अपील करते हुए उन्होंने कहाकि समस्या के स्थायी हल के लिए डेयरी फार्मिंग की तरह सुअर फार्मिंग के लिए भी सभी सुविधाओं सहित निश्चित स्थान देना चाहिए ताकि सुअर पालक भी अपना व्यवसाय सुविधापूर्वक ढंग से कर सकें। इस अवसर पर अमित, लज्जा राम, सोनू, चुन्नी राम, अमित कुमार, गब्बर सहित अनेक व्यवसायी उपस्थित थे।