छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- संस्कृत पुस्तकोन्नति सभा द्वारा संचालित सन्त श्री आशारामजी आश्रम खजरी में आज प्रतिवर्षानुसार सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या मनाई गई । जिसमें देवता , ऋषि , पितरों के अलावा देश की रक्षा करते – करते शहीद हुए सैनिकों का भी विधिवत तर्पण किया गया। हम सब हमारे पितरों के आलावा ऋषि , देवता और शहीद हुए सैनिकों के भी ऋणी हैं। पितरों ने हमे शरीर दिया , नाम दिया , गोत्र दिया , धन सम्पदा दी। उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना ही श्राद्ध है । शास्त्रों में आता हैं कि जब हमारा 1 वर्ष पूरा होता है तब पितरों का 1 दिन होता है। हमारे पितृगण उनकी तिथि अनुसार उस दिन उठ कर सूक्ष्म रूप से हमारे घर आतें हैं। उनका विधि विधान से तर्पण करना आवश्यक होता है। अन्यथा पितृ दोष की मार सहना पड़ता है। परम् पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से देश के 550 आश्रमों ओर 22 समितियों एवं करोड़ों – करोड़ों साधक सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को विधिवत तर्पण कार्य करतें हैं। समिति द्वारा संस्था से जुड़े प्रतिष्ठित लोग और पत्रकारजनों जिनका शरीर छूट गया है , उनके लिए भी तर्पण किया । आश्रम प्रबंधक द्वारा उच्च कोटि के ब्राह्मणों की व्यवस्था की गई थी जो श्राद्घ कर्म में पारंगत हों। कार्यक्रम में सैकड़ों साधकों ने उपस्थित दर्ज की । सभी के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर , युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े, देशव्यापी बाल संस्कार केंद्र अभियान से जुड़े अवनीश शर्मा , महिला समिति की सुमन डोईफोड़े , दीपा डोडानी , छाया सूर्यवंशी , विमल शेरके , योगिता पराडकर , शकुन्तला कराड़े मुख्य रूप से उपस्थित रहे।