आज 23 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता ज़ाहिद हुसैन चेयरमैन ने अमर शहीद सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहीदी दिवस पर युवा मोर्चा द्वारा आयोजित बिसरू मण्डल के गावँ लुहिंगा पहुंचकर महान सपूतों को खिराज़ ऐ अक़ीदत पेश करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ता बंधुओ के समक्ष उनके जीवन के प्रति अपने विचारो को सांझा किया।
ज़ाहिद हुसैन ने बताया कि आज से करीबन 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई। इस दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली।
इस अवसर पर युवा मौर्चा के जिला सचिव वसीम खान, युवा मौर्चा के बिसरू मण्डल अध्यक्ष रामपाल, यादराम, ईसब आदि सेकड़ो कार्यकर्ता शामिल रहे।
को भाजपा के वरिष्ठ नेता ज़ाहिद हुसैन चेयरमैन ने अमर शहीद सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहीदी दिवस पर युवा मोर्चा द्वारा आयोजित बिसरू मण्डल के गावँ लुहिंगा पहुंचकर महान सपूतों को खिराज़ ऐ अक़ीदत पेश करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ता बंधुओ के समक्ष उनके जीवन के प्रति अपने विचारो को सांझा किया।
ज़ाहिद हुसैन ने बताया कि आज से करीबन 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई। इस दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली।
इस अवसर पर युवा मौर्चा के जिला सचिव वसीम खान, युवा मौर्चा के बिसरू मण्डल अध्यक्ष रामपाल, यादराम, ईसब आदि सेकड़ो कार्यकर्ता शामिल रहे।
