मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूं और सभी धर्मों का सम्मान करना मेरा कर्तव्य।
भारत के सविंधान की धारणा के विरुद्ध अम्बाला शहर से बीजेपी विधायक असीम गोयल व उसके साथियों द्वारा भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने और इसके लिए कोई भी बलिदान देने या लेने की शपथ लेने से आक्रोशित व दुखी सिख संगत गुरुद्वारा मंजी साहिब अम्बाला शहर में एकत्रित हुए व डीएसपी मुख्यालय को दोषियों के विरुद्ध देशद्रोह सहित संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्यवाही करने की मांग की। इस अवसर पर सभी प्रमुख सिख नेताओ व संगत ने इस घटना को बहुत ही गलत, अफसोसजनक व निंदनीय बताया और एकजुटता से कहाकि हमे गर्व है कि हम भारतीय हूं और भारत मे सविंधान सर्वोच्च है। भारत देश किसी नेता, अधिकारी, अभिनेता या सत्तापक्षीय मंत्रियों सन्तरियो के मौखिक आदेशो से नही आपितु सविंधान के अनुसार चलता है। सविंधान की प्रस्तावना अनुसार “” हम भारत के लोग भारत को एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए………….. करते हैं “” , से स्पष्ट है कि भारत का कोई धर्म नही है बल्कि सभी धर्म भारत के है। यहां सभी धर्मों का समान मान-सम्मान होता है लेकिन जनता द्वारा चुने हुए नुमाइंदे द्वारा जिसने सविंधान की पालना करने व करवाने की शपथ ली हो उसके द्वारा ऐसी शपथ लेने जिससे साम्प्रदायिक माहौल खराब हो, आपसी भाईचारे में कमी आए और दूसरे धर्मानुयाईओ की भावना आहत हो, सरासर सविंधान की धारणा का अपमान है। ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध देशद्रोह की धाराओं सहित सख्त धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होने चाहिए ताकि कोई भी ताकत भारत को बांटने की कोशिश न कर सके। अगर ऐसी ताकतों के खिलाफ एकजुटता से सख्त कार्यवाही न की गई तो फिर वो दिन दूर नही जब अलग अलग धर्मानुयाई अपने लिए अलग स्थान मांगेंगे। इस तथ्य पर विचार करना अतिआवश्यक है कि यदि ऐसी परिस्थियों पर नकेल न कसी गयी और भारत मे सिख, मुस्लिम, जैन, बोध व अन्य अनेक धर्मानुयाई अपने लिए अलग अलग राष्ट्र की मांग करने लगे तो अखण्ड भारत की स्तिथि दयनीय हो जाएगी। आज़ादी के समय भारत मे 570 से अधिक छोटी बड़ी रियासते थी और इन रियासतो को राजा महाराजा शाषित करते थे। सरदार पटेल के प्रयासों से सभी रियासतों को एकजुट करके अखण्ड भारत बना था जो कि आजतक अखण्ड है व रहेगा। भारत की एकता व अखंडता को अक्षुण रखने के लिए मुख्यमंत्री को स्वयं संज्ञान लेकर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि शरारती अनसर प्रदेश का माहौल खराब न कर सकें।