कुछ ताकते वोट की खातिर भाईचारा खराब कर रही।
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सविंधान को सर्वोपरि बताते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि बहुत दुख व अफसोस कि बात है कि कुछ ताकते वोट की राजनीति की खातिर आपसी भाईचारा खराब कर रही है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। लोकतंत्र के तीन स्तम्भ न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायक के परस्पर मेलजोल व बैलेंस बनाए रखने की प्रत्येक क्रिया सविंधान में स्पष्ट वर्णित है ताकि कोई भी अंग अपने आपको सर्वोपरि बनने या दिखाने की कोशिश न करे। इसके साथ ही लोकतंत्र के चौथे व महत्वपूर्ण अंग प्रेस की भूमिका भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की कामयाबी के लिए अहम है। कोई भी व्यक्ति यदि सविंधानिक व्यवस्था के विपरीत कार्य करने की कोशिश करता है या करता है तो फिर कार्यपालिका का कर्तव्य है कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कानून अनुसार कड़ी कार्यवाही कर ताकि न्यायपालिका उसको नियमानुसार प्रक्रिया अपनाकर उसे दण्डित करे। कुछदिन पूर्व अम्बाला शहर के स्थानीय विधायक व साथियो द्वारा सविंधानिक व्यवस्था के विपरीत भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की शपथ लेने व इसके लिए कोई भी बलिदान लेने या देने की किर्या को गैरकानूनी व असविंधानिक बताते हुए उन्होंने कहाकि इससे अल्पसंख्यको की भावनाएं आहत हुई है। भारत हम सबका प्यारा है, इस गुलदस्ते में अनेक रंगों के फूल है, यही इसकी खासियत भी है और सुंदरता भी। उन्होंने अम्बाला प्रशासन से मांग की कि ऐसे घटनाओं को अंजाम देने वालो के विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए कानूनी कार्यवाही करें ताकि भारतीय एकता व अखंडता को सदृढ़ किया जा सके।
