Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the jnews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u902433967/domains/ozinews.in/public_html/english/wp-includes/functions.php on line 6114
जब क्रूर शक्तियाँ आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता का पाठ आत्मघाती होता है … - Ozi News
  • Login
Monday, October 27, 2025
No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • CONTACT US
Advertisement
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • CONTACT US
No Result
View All Result
Ozi News
No Result
View All Result
Home COVER STORY

जब क्रूर शक्तियाँ आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता का पाठ आत्मघाती होता है …

admin by admin
June 4, 2022
in COVER STORY, Education, HARYANA, Himachal, INDIA, PUNJAB, WORLD
0
जब क्रूर शक्तियाँ आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता का पाठ आत्मघाती होता है …
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले,” पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव … ?
उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें अब सबसे अधिक तुम्हारी ही आवश्यकता है” …. !

कृष्ण चुप रहे …. !

भीष्म ने पुनः कहा , “कुछ पूछूँ केशव …. ?
बड़े अच्छे समय से आये हो …. !
सम्भवतः धरा छोड़ने के पूर्व मेरे अनेक भ्रम समाप्त हो जाँय ” …. !!

कृष्ण बोले – कहिये न पितामह ….!

एक बात बताओ प्रभु ! तुम तो ईश्वर हो न …. ?

कृष्ण ने बीच में ही टोका , “नहीं पितामह ! मैं ईश्वर नहीं … मैं तो आपका पौत्र हूँ पितामह … ईश्वर नहीं ….”

भीष्म उस घोर पीड़ा में भी ठठा के हँस पड़े …. ! बोले , ” अपने जीवन का स्वयं कभी आकलन नहीं कर पाया कृष्ण , सो नहीं जानता कि अच्छा रहा या बुरा , पर अब तो इस धरा से जा रहा हूँ कन्हैया , अब तो ठगना छोड़ दे रे …. !! ”

कृष्ण जाने क्यों भीष्म के पास सरक आये और उनका हाथ पकड़ कर बोले …. ” कहिये पितामह …. !”

भीष्म बोले , “एक बात बताओ कन्हैया ! इस युद्ध में जो हुआ वो ठीक था क्या …. ?”

“किसकी ओर से पितामह …. ? पांडवों की ओर से …. ?”

” कौरवों के कृत्यों पर चर्चा का तो अब कोई अर्थ ही नहीं कन्हैया ! पर क्या पांडवों की ओर से जो हुआ वो सही था …. ? आचार्य द्रोण का वध , दुर्योधन की जंघा के नीचे प्रहार , दुःशासन की छाती का चीरा जाना , जयद्रथ और द्रोणाचार्य के साथ हुआ छल , निहत्थे कर्ण का वध , सब ठीक था क्या …. ? यह सब उचित था क्या …. ?”

इसका उत्तर मैं कैसे दे सकता हूँ पितामह …. !
इसका उत्तर तो उन्हें देना चाहिए जिन्होंने यह किया ….. !!
उत्तर दें दुर्योधन, दुःशाशन का वध करने वाले भीम , उत्तर दें कर्ण और जयद्रथ का वध करने वाले अर्जुन …. !!

??????

मैं तो इस युद्ध में कहीं था ही नहीं पितामह …. !!

“अभी भी छलना नहीं छोड़ोगे कृष्ण …. ?
अरे विश्व भले कहता रहे कि महाभारत को अर्जुन और भीम ने जीता है , पर मैं जानता हूँ कन्हैया कि यह तुम्हारी और केवल तुम्हारी विजय है …. !
मैं तो उत्तर तुम्ही से पूछूंगा कृष्ण …. !”

“तो सुनिए पितामह …. !
कुछ बुरा नहीं हुआ , कुछ अनैतिक नहीं हुआ …. !
वही हुआ जो हो होना चाहिए …. !”

“यह तुम कह रहे हो केशव …. ?
मर्यादा पुरुषोत्तम राम का अवतार कृष्ण कह रहा है ….? यह छल तो किसी युग में हमारे सनातन संस्कारों का अंग नहीं रहा, फिर यह उचित कैसे गया ….. ? ”

“इतिहास से शिक्षा ली जाती है पितामह , पर निर्णय वर्तमान की परिस्थितियों के आधार पर लेना पड़ता है …. !

हर युग अपने तर्कों और अपनी आवश्यकता के आधार पर अपना नायक चुनता है …. !!
राम त्रेता युग के नायक थे , मेरे भाग में द्वापर आया था …. !
हम दोनों का निर्णय एक सा नहीं हो सकता पितामह …. !!”

” नहीं समझ पाया कृष्ण ! तनिक समझाओ तो …. !”

” राम और कृष्ण की परिस्थितियों में बहुत अंतर है पितामह …. !
राम के युग में खलनायक भी ‘ रावण ‘ जैसा शिवभक्त होता था …. !!
तब रावण जैसी नकारात्मक शक्ति के परिवार में भी विभीषण, मंदोदरी, माल्यावान जैसे सन्त हुआ करते थे ….. ! तब बाली जैसे खलनायक के परिवार में भी तारा जैसी विदुषी स्त्रियाँ और अंगद जैसे सज्जन पुत्र होते थे …. ! उस युग में खलनायक भी धर्म का ज्ञान रखता था …. !!
इसलिए राम ने उनके साथ कहीं छल नहीं किया …. ! किंतु मेरे युग के भाग में में कंस , जरासन्ध , दुर्योधन , दुःशासन , शकुनी , जयद्रथ जैसे घोर पापी आये हैं …. !! उनकी समाप्ति के लिए हर छल उचित है पितामह …. ! पाप का अंत आवश्यक है पितामह , वह चाहे जिस विधि से हो …. !!”

“तो क्या तुम्हारे इन निर्णयों से गलत परम्पराएं नहीं प्रारम्भ होंगी केशव …. ?
क्या भविष्य तुम्हारे इन छलों का अनुशरण नहीं करेगा …. ?
और यदि करेगा तो क्या यह उचित होगा ….. ??”

ॐॐॐॐॐॐॐ

” भविष्य तो इससे भी अधिक नकारात्मक आ रहा है पितामह …. !

कलियुग में तो इतने से भी काम नहीं चलेगा …. !

वहाँ मनुष्य को कृष्ण से भी अधिक कठोर होना होगा …. नहीं तो धर्म समाप्त हो जाएगा …. !

जब क्रूर और अनैतिक शक्तियाँ सत्य एवं धर्म का समूल नाश करने के लिए आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता अर्थहीन हो जाती है पितामह …. !
तब महत्वपूर्ण होती है धर्म की विजय , केवल धर्म की विजय …. !

भविष्य को यह सीखना ही होगा पितामह ….. !!”

“क्या धर्म का भी नाश हो सकता है केशव …. ?
और यदि धर्म का नाश होना ही है , तो क्या मनुष्य इसे रोक सकता है ….. ?”

“सबकुछ ईश्वर के भरोसे छोड़ कर बैठना मूर्खता होती है पितामह …. !

ईश्वर स्वयं कुछ नहीं करता ….. !केवल मार्ग दर्शन करता है*

सब मनुष्य को ही स्वयं करना पड़ता है …. !
आप मुझे भी ईश्वर कहते हैं न …. !
तो बताइए न पितामह , मैंने स्वयं इस युद्घ में कुछ किया क्या ….. ?
सब पांडवों को ही करना पड़ा न …. ?
यही प्रकृति का संविधान है …. !
युद्ध के प्रथम दिन यही तो कहा था मैंने अर्जुन से …. ! यही परम सत्य है ….. !!”

भीष्म अब सन्तुष्ट लग रहे थे……उनकी आँखें धीरे-धीरे बन्द होने लगीं थी …. !
उन्होंने कहा – चलो कृष्ण ! यह इस धरा पर अंतिम रात्रि है …. कल सम्भवतः चले जाना हो … अपने इस अभागे भक्त पर कृपा करना कृष्ण …. !”

कृष्ण ने मन मे ही कुछ कहा और भीष्म को प्रणाम कर लौट चले , पर युद्धभूमि के उस डरावने अंधकार में भविष्य को जीवन का सबसे बड़ा सूत्र मिल चुका था …. !

जब अनैतिक और क्रूर शक्तियाँ सत्य और धर्म का विनाश करने के लिए आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता का पाठ आत्मघाती होता है ….।।

धर्मों रक्षति रक्षितः

Post Views: 161
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Tags: aaj ka hindu calendarAaj Ka Panchang TV programAaj Ki TithiDaily Top 10 Punjabi newspapere-paper punjabonline daily punjabi newspaperonline punjabi epaperpatiala newspaperpress ki takat newspaperpresskitaquat.com ਪ੍ਰੈਸ ਕੀ ਤਾਕਤ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਪੰਜਾਬੀ ਅਖਬਾਰPunjab news epaperpunjabi top newspapertoday hindu calendarToday Hindu Tithi Tithi Calendar & Calculator Press Ki Taquat e-papertoday punjab epapertoday punjab epaper in punjabitoday punjab newspapertoday punjabi epaperआज का पंचांग. Aaj Ka Panchangआज का मुहूर्त मुहूरतआज की तिथिप्रेस की ताकत डेली पंजाबी अख़बारप्रेस की ताकत दैनिक पंजाबी समाचार पत्रप्रेस की ताकत रोज़ाना पंजाबी समाचारपत्रहिंदू पंचांग के अनुसार आज की तिथिहिन्दुओं की समय निर्धारण पद्धतिहिन्दू काल गणनाਪ੍ਰੈਸ ਕੀ ਤਾਕਤ ਡੈਲੀ ਪੰਜਾਬੀ ਅਖਬਾਰਪ੍ਰੈਸ ਦੀ ਤਾਕਤ ਦੈਨਿਕ ਪੰਜਾਬੀ ਅਖਬਾਰ
Previous Post

व्यापार करते समय दया मत करोऔर सेवा करते समय व्यापार मत करो

Next Post

मुख्यमंत्री की तरफ से राज्य में अमन-कानून की स्थिति का जायज़ा

Next Post
मुख्यमंत्री मान की तरफ से गेहूँ के सिकुड़े दानों सम्बन्धी नियमों में तत्काल ढील देने के लिए केंद्र सरकार से अपील

मुख्यमंत्री की तरफ से राज्य में अमन-कानून की स्थिति का जायज़ा

  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • CONTACT US

© 2024 ozinews.in - Powered by Ozi Broadcasters Private Limited .

No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • CONTACT US

© 2024 ozinews.in - Powered by Ozi Broadcasters Private Limited .

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In