दिल्ली (प्रेस की ताकत न्यूज डेस्क): भारत के 59 चायनीज ऐप्स बैन (59 Banned Chinese Apps by India) करने के बाद अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी टिकटाक समेत कई ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर बैन करने की तैयारी कर ली है. ऑस्ट्रेलिया में जहां संसदीय समिति जल्द इस पर अपनी मुहर लगा रही है, वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा है कि जल्द ही कई चायनीज ऐप्स पर सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबन्ध लगता जाएगा .
भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते टिक टॉक, यूसी ब्राउजर जैसी 59 ऐप्स को बैन किया था. जिसके बाद अब ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को देखते हुए टिक टॉक बैन कर रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया में 16 लाख लोग टिकटॉक यूज करते हैं. ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर जेनी मैकएलिस्टर ने कहा कि टिकटॉक कंपनी के अफसरों को जांच में सहयोग करना चाहिए. वहीं ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रेटजिक पॉलिसी संस्थान के एक्सपर्ट फर्गस रयान ने कहा कि टिकटॉक पूरी तरह से प्रोपेगेंडा और मास सर्विलांस के लिए है. इसमें चीन के खिलाफ दिए जाने वाले विचार सेंसर कर दिए जाते हैं.
ऑस्टेलिया के लिबरल सांसद और इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष एन्ड्रू हैस्टी ने फरवरी में ही यह दावा किया था कि ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि चीन के इंटेलिजेंस कानून 2017 के मुताबिक चीन की सरकार कभी भी इन कंपनियों को जानकारी शेयर करने के लिए भी कह सकती है जिससे टिक टॉक चलाने वाले सभी लोगों का डेटा कंपनीयां चीन सरकार को दे देंगी जो ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
वहीं अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा है कि जल्द ही चीन के कई सोशल मीडिया ऐप्स जिनमें टिकटॉक भी शामिल है पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.
पोम्पियो ने कहा कि भारत की ही तरह अमेरिका को भी चायनीज ऐप्स पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए और इसकी शुरुआत टिकटॉक से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम चीनी लोगों और कंपनियों की इज्जत करते हैं, लेकिन अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते.
पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका के लोगों को ऐसे ऐप तभी इस्तेमाल करने चाहिए जब उन्हें इस बात से फर्क न पड़ता हो कि उनकी निजी जानकारी चीनी कंपनियों के पास जा रही है.