छिन्दवाड़ा(भगवानदीन साहू)- संत श्री आशारामजी बापू की श्री योगवेदान्त सेवा समिति की बहनों ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला जेल में निवासरत बंदी भाईयों को रक्षासूत्र भेंट कर रक्षाबंधन पर्व मनाया। कोविड -19 के कारण जेल में साध्वी बहन का सत्संग आयोजन नहीं हो पाया । परन्तु पूज्य बापूजी की कृपापात्र शिष्या साध्वी रेखा बहन ने जेल में निवासरत लगभग 750 बंदियों को रक्षा बंधन पर्व के महत्व से संदेश द्वारा अवगत कराया । साध्वी बहन ने बताया कि मनुष्य के जीवन में तीन प्रकार की जेल होती है । पहली माँ के गर्भ की जेल , जहाँ हम सब नौ माह बंद रहते हैं । और हर पल ईश्वर को याद करतें हैं । दूसरी होती है , सरकार की जेल जहाँ आप लोग निवासरत हैं तथा तीसरी होती है कर्मबंधनों की जेल । जिसमें से पहली और दूसरी जेल से मनुष्य मुक्त हो जाता है । पर कर्मबंधनों की जेल में हमें 84 लाख योनियों में भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सावधानीपूर्वक कर्म करना चाहिए। कर्मबंधनों की जेल से हमें सिर्फ सदगुरू या ईश्वर ही मुक्त कराने का मार्ग प्रशस्त करते हैं । आप सब इसे जेल न समझे , यह एक तपस्या स्थली है , यहाँ बैठकर ईश्वरीय अराधना , ध्यान , भजन , पूजन में तन – मन लगायें । सत्संग संदेश और रक्षा सूत्र पाकर कई बंदियों के आंसू निकल आये। इस प्रकार के आयोजन महिला समिति द्वारा देश के 650 जिला केंद्रों में सम्पन्न हो रहें हैं । यह सेवा समिति25 वर्षों से निरन्तर कर रही हैं। समिति की बहनों ने 750 बंदियों के अलावा जेल प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी रक्षासुत्र , मिठाई , कुमकुम , अक्षत भेंट किये तथा कोरोना माहमारी से सभी को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सेनेटाईजर मशीन एवं मास्क भी भेंट किये । इस दैवीय कार्य में दर्शना खट्टर , साध्वी प्रतिमा बहन , सुमन डोईफोडे , डॉ . मीरा पराडकर , छाया सूर्यवंशी , करूणेश पाल , शकुंतला कराडे , वनिता सनोडिया , निर्मला पटेल , दीपा डोडानी , राखी भोजवानी , योगिता पराडकर , आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे । सभी बहनों ने जिला जेल अधीक्षक यजुवेन्द्र वाघमारे को सहयोग के लिए साधुवाद प्रदान किया ।