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मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब प्रोटेक्शन एंड रैगूलराईजेशन ऑफ कॉन्ट्रैकचुअल एम्पलॉयज़ बिल-2021 को हरी झंडी, 36000 कर्मचारियों की सेवाएं होंगी रेगूलर - Ozi News
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मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब प्रोटेक्शन एंड रैगूलराईजेशन ऑफ कॉन्ट्रैकचुअल एम्पलॉयज़ बिल-2021 को हरी झंडी, 36000 कर्मचारियों की सेवाएं होंगी रेगूलर

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November 10, 2021
in BREAKING, CHANDIGARH, POLITICS
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मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब प्रोटेक्शन एंड रैगूलराईजेशन ऑफ कॉन्ट्रैकचुअल एम्पलॉयज़ बिल-2021 को हरी झंडी, 36000 कर्मचारियों की सेवाएं होंगी रेगूलर
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Web Desk-Harsimran

चण्डीगढ़, 9 नवम्बर राज्य में ठेके के आधार पर, एडहॉक, अस्थाई, वर्क चार्ज्ड और दैनिक वेतन भोगी कामगारों की सेवाएं रेगुलर करने के लिए अहम फ़ैसला लेते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने आज ‘पंजाब प्रोटेक्शन एंड रैगूलराईजेशन ऑफ कॉन्ट्रैकचुअल एम्पलायज़ बिल-2021’ को मंज़ूरी दे दी है, जिसको कानूनी रूप देने के लिए विधान सभा के मौजूदा सत्र में पेश किया जाएगा।

यह फ़ैसला आज यहाँ बाद दोपहर पंजाब भवन में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक इस फ़ैसले से 10 साल से अधिक समय की सेवाएं निभाने वाले उपरोक्त 36,000 कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर होंगी। इसी तरह कैबिनेट ने डीम्ड पदों की अतिरिक्त सृजन करने को भी मंज़ूरी दे दी है।

इन कर्मचारियों को रेगुलर करने की प्रक्रिया के दौरान आरक्षण नीति के उपबंधों को अपनाया जाएगा। हालाँकि, रेगुलर करने का फ़ैसला बोर्डों और निगमों पर लागू नहीं होगा।

पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट-2013 रद्द

द पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट-2013 में उत्पादकों, किसान के लिए जेल की सज़ा की व्यवस्था, वित्तीय जुर्माना और अन्य सख़्त उपबंध दर्ज होने के कारण किसानों के मन में डर और दुविधा के मद्देनजऱ मंत्री मंडल ने किसानों के हितों के मद्देनजऱ इस एक्ट को रद्द करने का फ़ैसला किया है।

पंजाब कृषि उपज मंडियां एक्ट-1961 में संशोधन को मंज़ूरी

बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र को सुनिश्चित बनाने, कृषि सुरक्षा को बहाल करने और किसानों, खेत मज़दूरों और सहायक और आकस्मिक गतिविधियों में जुटे लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए मंत्री मंडल ने पंजाब एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट एक्ट-1961 के किसान विरोधी उपबंधों को हटाने के लिए हरी झंडी दे दी है।

बताने योग्य है कि पंजाब कृषि उपज मंडियां एक्ट 1961 (1961 एक्ट), पंजाब सरकार (सरकार) द्वारा मंडी/मंडी के बुनियादी ढांचे के विकास को बेहतर बनाने के लिए किसानों को उनकी कृषि उपज को बेचने, नियमित करने और व्यापार में प्रचलित अनियमितताओं को ख़त्म करने के लिए लागू किया गया एक वैधानिक उपाय है। पिछले सालों के दौरान पंजाब एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट, एक्ट 1961 में कुछ संशोधन की गईं थीं जिसके कारण कृषि और इससे जुड़े समुदायों को गंभीर नुकसान, कमज़ोरियों, विकृतियों और पक्षपात का सामना करना पड़ा है। इन संशोधनों ने ग्रामीण भाईचारे ख़ासकर किसानों और कृषि पेशे से जुड़े लोगों के मज़बूत कृषि विकास और इनकी रोज़ी-रोटी की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।

पंजाब फ्रूट नरसरीज़ एक्ट-1961 को मंज़ूरी

मंत्री मंडल ने पंजाब फ्रूट नरसरीज़ एक्ट-1961 को संशोधन कर पंजाब हौर्टिकल्चर नरसरी बिल-2021 विधान सभा में लाने की मंज़ूरी दे दी है।

आज के समय में नई तकनीक जैसे कि आई.टी., जी.पी.एस., टैगिंग, ट्रेसबिलटी आदि होने के कारण इसमें संशोधन करने की ज़रूरत है। इसके अलावा पंजाब फ्रूट नरसरीज़ एक्ट, 1961 सिफऱ् फलदार पौधों की नरसरी के लिए लागू थी। प्रस्तावित संशोधनों से सब्जियों के उत्पादन के लिए पौधे लगाने के लिए सामग्री भी इसके अंतर्गत आ जाएगी, जिससे काश्तकारों को बेहतर रोपण सामग्री मिल सकेगी।

पंजाब के अंदर कृषि विभिन्नता के लिए बाग़बानी की कीमती फसलें एक आकर्षक विकल्प के तौर पर उभर रही हैं। मौजूदा समय में लगभग 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल फलों और सब्जियों के अधीन है, जिसके लिए पौधे लगाने के लिए मानक सामग्री की माँग बढ़ रही है।

पंजाब (इंस्टीट्यूट एंड अदर बिल्डिंग्ज) टैक्स एक्ट-2011 रद्द

मंत्री मंडल ने पंजाब (इंस्टीट्यूट एंड अदर बिल्डिंग टैक्स रिपील एक्ट-2011 को विधान सभा के मौजूदा सत्र में लाने की मंज़ूरी दे दी है जिससे सभी मामलों में बकाया राशि को माफ किया जा सके। यह जि़क्रयोग्य है कि पंजाब (इंस्टीट्यूट एंड अदर बिल्डिंग्ज) टैक्स एक्ट म्यूंसीपल हद से बाहर पडऩे वालीं औद्योगिक इकाईयाँ और संस्थागत इमारतों के लिए लागू किया गया था। इस फ़ैसले से लाभार्थियों को 250 करोड़ की राहत मिलेगी।

आयूष्मान भारत-मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना की रूप-रेखा को मंजूरी

मंत्री मंडल ने आयूष्मान भारत – मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना को सार्वभौमिकरण बनाने की मंज़ूरी दे दी है, जिसके अंतर्गत राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी और पैंशनरों को छोडक़र पंजाब की समूची आबादी को 5 लाख रुपए प्रति परिवार प्रति वर्ष का बीमा प्रदान किया जाएगा। इस फ़ैसले से 61 लाख परिवारों को लाभ होगा। बाकी रह गए परिवारों की रजिस्ट्रेशन के आधार की प्रामाणिकता की जायेगी और फार्म सूचीबद्ध अस्पतालों, कॉमन सर्विस सैंटरों (सी.एस.सी.) और सुविधा केन्द्रों पर उपलब्ध होंगे, जहाँ बी.आई.एस. पोर्टल के द्वारा ई-कार्ड जारी करने की सुविधा उपलब्ध है। लाभार्थी को आधार कार्ड और रिहायश का सुबूत, जैसे कि बिजली का बिल, पानी का बिल, पासपोर्ट या कोई भी सरकारी दस्तावेज़/आई.डी./सर्टिफिकेट, जिसमें रिहायश का पता हो, अपने साथ रखने की ज़रूरत होगी, जिससे वह अपने आप को रजिस्टर करवा कर ई-कार्ड जारी करवा सके और स्कीम के अधीन नकद रहित इलाज का लाभ ले सके।

म्युंसीपल क्षेत्रों में इमारती उप-नियमों का उल्लंघन करके बनी इमारतों में नॉन-कम्पाऊंडेबल उल्लंघनाओं के एक मुश्त निपटारे को मंज़ूरी

मंत्री मंडल ने 30 सितम्बर, 2021 तक सभी अनाधिकृत रूप से हुए निर्माण कार्य के लिए द पंजाब वन-टाईम वलंटरी डिस्कलोजऱ एंड सेटलमेंट ऑफ वॉयलेशन्ज़ ऑफ बिल्डिंग्ज बिल, 2021 को लागू करने की मंज़ूरी दे दी है। इस कदम का उद्देश्य उल्लंघना करने वालों को म्यूंसीपल क्षेत्रों के अंदर एक बार का मौका प्रदान करना है, जिन्होंने लोगों की सुरक्षा और सुविधा के साथ समझौता किए बिना रैगूलराईजेशन की इमारतों के साथ कम्पाऊंडेबल उल्लंघना की है। हालाँकि कम्पाऊंडिंग फीस में भी 25 प्रतिशत की कटौती की गई है।

जि़क्रयोग्य है कि यहाँ बड़ी संख्या में ऐसी अनाधिकृत इमारतें हैं, जहाँ भवन योजनाएँ मंज़ूर नहीं हुई हैं। ज़्यादातर उल्लंघनाएँ नॉन-कम्पाऊंडेबल हैं और इसलिए ऐसी इमारतों को मौजूदा नियमों के अंतर्गत नियमित नहीं किया जा सकता है। यह अनाधिकृत बनाई गईं पिछले कई सालों से सामने आ रही हैं और इस पड़ाव पर ऐसी इमारतों को ढाहना संभव नहीं है और न ही ढाहना मुनासिब है। इसलिए राज्य सरकार महसूस करती है कि ऐसी इमारतों से निपटने के लिए सबसे बढिय़ा कार्यवाही यह है कि उनको नियमत किया जाये बशर्ते यह इमारतें फायर और सेफ्टी के मापदण्डों को पूरा करें और सार्वजनिक सुरक्षा और लोगों की सुरक्षा एवं सुविधा के साथ समझौता न करें और भविष्य में अनाधिकृत निर्माणों से गुरेज़ करें।

हुनरमंद श्रमिकों की कम से कम मेहनताना बढ़ा कर 9192.72 रुपए की

मंत्री मंडल ने कम से कम मेहनताना एक्ट, 1948 के उपबंधों के अनुसार 1 मार्च, 2020 और 1 सितम्बर, 2020 से कम से-कम मेहनतानों में वृद्धि और इस एक्ट की धाराओं के अधीन गठित किये गए पंजाब मिनिमम वेजिज ऐडवायजऱी बोर्ड के फ़ैसले के बाद 1मार्च, 2020 और 1सितम्बर, 2020 से मेहनतानों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। मज़दूरों की मेहनतानों में वृद्धि से मज़दूरों /श्रमिकों के खरीद सामथ्र्य में विस्तार होगा जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे कर्मचारी को अच्छी नौकरी की संतुष्टी भी मिलेगी जिसके निष्कर्ष के तौर पर उत्पादकता में विस्तार होने के साथ साथ रोजग़ारदाता के साथ संबंधों में सुधार होगा। सी.पी.आई. पर आधारित कम से कम मेहनतानों में 415.89 रुपए के वृद्धि के साथ 1मार्च, 2020 से बकाया थे। नतीजे के तौर पर कम से कम मेहनताने को अब संशोधन कर 8776.83 रुपए से 9192.72 रुपए हो गये है। इसी तरह कम से कम मेहनतानों में वृद्धि से कर्मचारी 1मार्च, 2020 से अक्तूबर, 2021 तक 8251 रुपए के बकाए का हकदार होगा।

पंजाब वित्तीय जि़म्मेदारी और बजट प्रबंधन एक्ट, 2003 के क्लॉज (ए), उप-धारा (2) और धारा 4में संशोधन को मंजूरी

भारत सरकार द्वारा मंज़ूर वित्तीय साल 2021 -22 में अनुमानित जीऐसडीपी की 4फीसदी सामान्य शुद्ध उधार सीमा का लाभ लेने के लिए मंत्रीमंडल ने पंजाब वित्तीय जि़म्मेदारी और बजट प्रबंधन एक्ट, 2003 की धारा 4, उप -धारा (2) और क्लॉज (ए)में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।

अनुमानित जीऐसडीपी के 4फीसदी की इस सामान्य शुद्ध उधार सीमा में से राज्यों को वित्तीय साल 2021 -22 की शुरूआत में जीऐसडीपी के 3.50 फीसदी के आधार पर उधार लेने की अनुमति दी जायेगी। राज्यों द्वारा साल 2021-22 के अदौरान निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध किये गए पूँजी ख़र्च के आधार पर राज्यों को जीऐसडीपी के 0.50 फीसद की बाकी उधार सीमा की अनुमति दी जायेगी।

जि़क्रयोग्य है कि व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय भारत सरकार राज्यों के अनुमानित कुल राज्य घरेलू उत्पाद (जीऐसडीपी) के आधार पर हरेक वित्तीय साल के लिए राज्यों की शुद्ध उधार सीमा निर्धारित करता है। 15वें वित्त कमिशन की सिफ़ारशों के अनुसार भारत सरकार ने वित्तीय साल 2021 -22 के दौरान राज्यों के लिए सामान्य शुद्ध उधार सीमा अनुमानित जी.ऐस.डी.पी. का चार फीसद निर्धारित करने का फ़ैसला किया है। जीऐसडीपी, जो कि वित्तीय साल 2020 -21 के लिए जीऐसडीपी का तीन फीसदी था।

पंजाब एनर्जी सेफ्टी, बिजली खऱीद समझौते रद्द करने और पावर टैरिफ बिल, 2021 के फिर निर्धारण को मंज़ूरी

मंत्रीमंडल ने पंजाब एनर्जी सेफ्टी, बिजली खऱीद समझौते रद्द करने और पावर टैरिफ बिल, 2021 के फिर निर्धारन को मंज़ूरी दे दी है जिसको विधान सभा के मौजूदा सैशन में लाया जायेगा।

पंजाब नवीकरणीय ऊर्जा सुरक्षा, सुधार, रद्द करने और बिजली दरों फिर-निर्धारण बिल -2021 को मंजूरी

राज्य के बिजली क्षेत्र में टिकाऊ विकास के लिए उचित कदम उठाने और उपभोक्ताओं को वाजिब कीमतें और स्थिरता से बिजली मुहैया करवाने के योग्य बनाने के लिए मंत्रीमंडल ने पंजाब नवीकरणीय ऊर्जा सुरक्षा, सुधार रद्द करने और बिजली दरों बिल के फिर से निर्धारण सम्बन्धित बिल -2021 को विधान सभा के चल रहे सत्र में लाने की मंजूरी दे दी है।

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