अयोध्या /नई दिल्ली (प्रेस की ताकत न्यूज डेस्क): करीब 500 सालों तक चले विवाद और हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बुधवार को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि में भव्य मंदिर के लिए भूमिपूजन हुआ। राम मंदिर की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम सबके हैं और सबमें हैं। मंदिर के भूमिपूजन के साथ ही भारत के सबसे चर्चित और लंबे वक्त तक चले विवाद के एक तरह से पूरी तरह खत्म होने का ऐलान करते हुए उन्होंने भाईचारे का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राम का सब जगह होना भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखने के बाद आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हुए कहा कि हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा, प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्य पालन की सीख दी है। अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं, इसकी सीख दी है। उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है। हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राम मंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब-जब मानवता ने राम को माना है, तब-तब विकास हुआ है और जब-जब यह भटकी है, विनाश के रास्ते खुले हैं।
नरेन्द्र मोदी ने कहा, हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है।श् मोदी ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले इंडोनेशिया सहित दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो भगवान राम के नाम का वंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल में प्रसिद्ध और पूजनीय है। भगवान राम का जिक्र ईरान और चीन तक में पाया गया है और राम कथा कई देशों में प्रचलित है।
राम मंदिर के लिए भूमिपूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सदियों का इंतजार खत्म हुआ है। राम मंदिर को राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक और भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की प्रेरणा देगा, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा, टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए चले आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। उन्होंने कहा, 15 अगस्त का दिन लाखों बलिदानों का प्रतीक है, स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने लगातार प्रयास किया और आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। उन्होंने कहा, जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।