नई दिल्ली, 3 फरवरी (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब में चुनावी माहौल जोरों पर है. पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कुछ साल पहले बंद हुए रोड रेज मामले को सुप्रीम कोर्ट में फिर से खोल दिया गया है। हालांकि सिद्धू को कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। अदालत ने मामले में सिद्धू द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 25 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। दरअसल सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मामले को स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि मामले की सुनवाई जल्द होगी। पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
ज्ञात हो कि 1988 में हुई इस घटना में पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई, 2018 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू को अनैच्छिक हत्या का दोषी ठहराया गया था और मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को 65 वर्षीय व्यक्ति को स्वेच्छा से घायल करने का दोषी ठहराया था। अदालत ने सिद्धू की जेल की सजा पर रोक लगा दी थी और उन पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।माननीय न्यायाधीश जे. सुप्रीम कोर्ट में 15 मई 2018 को। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने 1988 के रोड रेज मामले की सुनवाई की।
शीर्ष अदालत ने सिद्धू के सहयोगी रूपिंदर सिंह संधू को यह कहते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया था कि दिसंबर 1988 में अपराध के समय सिद्धू के साथ उनकी मौजूदगी का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि आरोपी और पीड़िता के बीच कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। आरोपी ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया। बाद में सितंबर 2018 में, सुप्रीम कोर्ट मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। सिद्धू को नोटिस जारी किया गया है। अदालत ने 11 सितंबर, 2018 के अपने आदेश में कहा था कि जारी किया गया नोटिस प्रतिवादी नंबर 1 नवजोत सिंह सिद्धू की सजा तक सीमित था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, नवजोत सिंह सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास अपनी जिप्सी रोड के बीच में खड़े थे। उस समय गुरनाम सिंह व 2 अन्य लोग पैसे निकालने बैंक जा रहे थे। जब वे चौराहे पर पहुंचे, तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने सड़क के बीच में एक जिप्सी खड़ी देखी। उसमें बैठे सिद्धू और संधू ने जिप्सी को सड़क से उतरने को कहा। इस पर तीखी नोकझोंक हुई। झगड़े के दौरान गुरनाम सिंह की मौत हो गई। नवजोत सिंह सिद्धू और रूपिंदर संधू के खिलाफ अनैच्छिक हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार ने मामला दर्ज किया था।