~ वैदिक पंचांग ~
?️ दिनांक – 08 जुलाई 2022
?️ दिन – शुक्रवार
?️ विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
?️ शक संवत -1944
?️ अयन – दक्षिणायन
?️ ऋतु – वर्षा ऋतु
?️ मास -आषाढ़
?️ पक्ष – शुक्ल
?️ तिथि – नवमी शाम 06:25 तक तत्पश्चात दशमी
?️ नक्षत्र – चित्रा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात स्वाती
?️ योग – शिव सुबह 09:01 तक तत्पश्चात सिध्द
?️ राहुकाल – सुबह 11:04 से दोपहर 12:44 तक
? सूर्योदय – 06:04
?️ सूर्यास्त – 19:23
? दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
? *व्रत पर्व विवरण –
? विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
? ~ वैदिक पंचांग ~ ?
? चतुर्मास विशेष ?
➡ 10 जुलाई 2022 रविवार से 04 नवम्बर, शुक्रवार) तक भगवान विष्णु गुरुतत्व में गुरु जहाँ विश्रांति पाते हैं, ऐसे आत्मदेव में भगवान विष्णु ४ महीने समाधिस्त रहेंगे | इन दिनों में शादी विवाह वर्जित है, सकाम कर्म वर्जित है|
✅ ये करना
?? जलाशयों में स्नान करना तिल और जौं को पीसकर मिक्सी में रख दिया थोड़ा तिल जौं मिलाकर बाल्टी में बेलपत्र डाल सको तो डालो उसका स्नान करने से पापनाशक स्नान होगा प्रसन्नतादायक स्नान होगा तन के दोष मन के दोष मिटने लगेंगे | अगर “ॐ नमःशिवाय” ५ बार मन में जप करके फिर लोटा सिर पे डाला पानी का, तो पित्त की बीमारी,कंठ का सूखना ये तो कम हो जायेगा, चिडचिडा स्वभाव भी कम हो जायेगा और स्वभाव में जलीय अंश रस आने लगेगा | भगवान नारायण शेष शैय्या पर शयन करते हैं इसलिए ४ महीने सभी जलाशयों में तीर्थत्व का प्रभाव आ जाता है |
?? गद्दे हटा कर सादे बिस्तर पर शयन करें संत दर्शन और संत के जो वचन वाले जो सत्शास्त्र हैं, सत्संग सुने संतों की सेवा करें ये ४ महीने दुर्लभ हैं |
?? स्टील के बर्तन में भोजन करने की अपेक्षा पलाश के पत्तों पर भोजन करें तो वो भोजनपापनाशक पुण्यदायी होता है, ब्रह्मभाव को प्राप्त कराने वाला होता है |
?? चतुर्मास में ये ४ महीनों में दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत करना चाहिये |१५ दिन में १दिन उपवास १४ दिन का खाया हुआ जो तुम्हारा अन्न है वो ओज में बदल जायेगा ओज,तेज और बुद्धि को बलवान बनायेगा १ दिन उपवास एकादशी का |
?? चतुर्मास में भगवान विष्णु के आगे पुरुष सूक्त का पाठ करने वाले की बुद्धि का विकास होता है और सुबह या जब समय मिले भूमध्य में ओंकार का ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है |
?? दान, दया और इन्द्रिय संयम ये उत्तम धर्म करने वाले को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है|
? आंवला-मिश्री जल से स्नान महान पुण्य प्रदान करता है |
❌ ये न करना
? इन ४ महीनो में पराया धन हड़प करना, परस्त्री से समागम करना, निंदा करना, ब्रह्मचर्य तोड़ना तो मानो हाथ में आया हुआ अमृत कलश ढोल दिया निंदा न करें , ब्रह्मचर्य का पालन करें , परधन परस्त्री पर बुरी नज़र न करें |
? ताम्बे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिये पानी नहीं पीना चाहिये |
??♀ चतुर्मास में काला और नीला वस्त्र पहनने से स्वास्थ्य हानि और पुण्य नाश होता है |
?? परनिंदा महा पापं शास्त्र वचन :- “परनिंदा महा पापं परनिंदा महा भयं परनिंदा महा दुखंतस्या पातकम न परम”
?? ये स्कन्द पुराण का श्लोक है परनिंदा महा पाप है, परनिंदा महा भय है, परनिंदा महा दुःख है तस्यापातकम न परम उससे बड़ा कोई पाप नही | इस चतुर्मास में पक्का व्रत ले लो कि हम किसी की निंदा न करेंगे |
? असत्य भाषण का त्याग कर दें, क्रोध का त्याग कर दें,
? बाजारू चीजें जो आइस्क्रीम है, पेप्सी, कोका- कोला है अथवा शहद आदि है उन चीजों का त्याग कर दें चतुर्मास में, स्त्री-पुरुष के मैथुन संग का त्याग कर दें|