ऑनलाइन व्यवस्था में पोर्टल बन्द तो मैन्युअल कार्य हो।
अर्बन लोकल बॉडी मंत्री से व्यवस्था सुधारने की मांग की।
सरकार की ऑनलाइन व्यवस्था की पोल खोलते हुए एडवोकेट दमनप्रीत सिंह ने कहाकि ऑनलाइन के नाम पर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन गृहमंत्री के हल्के में नगरपरिषद का टैक्स का पोर्टल एक महीने से अधिक समय से बन्द है और एनडीसी का पोर्टल पन्द्रह दिनों से बन्द पड़ा है। ऑनलाईन व्यवस्था क्या करेगी, इससे तो मैन्युअल व्यवस्था ठीक थी। कितनी अजीब बात है कि पहले तो एक नगरपरिषद में टैक्स व एनडीसी के दो पोर्टल कार्य कर रहे हैं जो कि गलत है। एक व्यक्ति को कोई भी कार्य जैसे म्युटेशन, टैक्स दरुस्ती या एनडीसी ठीक करवाने के लिए दो दो पोर्टल पर अपनी त्रुटि ठीक करवानी पड़ती है। इतना ही नही टैक्स पोर्टल पिछले लगभग डेढ़ माह से बन्द है, इस समय दौरान आपत्तियां दूर होना तो अलग बात है कोई व्यक्ति अपना टैक्स भी नही जमा करवा सकता और एनडीसी पोर्टल पर त्रुटियां कैसे ठीक होंगी यह तो ईश्वर ही जाने। यह भी वर्णनीय है कि एनडीसी व टैक्स क्लियर होने का सीधा सम्बन्ध जमीन की खरीद फरोख्त से हैं। यदि टैक्स जमा नही होगा या एनडीसी नही मिलेगी तो किसी की रजिस्ट्री नही हो सकती। रजिस्ट्री का कार्य समयबधित होता है, यदि निश्चित समय मे रजिस्ट्री न करवाई जाए तो बयान जब्त हो जाता है और अनावश्यक मुकदमेबाजी शुरू हो जाती है। अधिकारियों से इस सब से क्या लेना, दुखी तो जनता हो रही है। उन्होंने अर्बन लोकल बॉडी मंत्री से आग्रह किया कि अम्बाला छावनी की जनता की मुश्किलों को देखते हुए इन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए ताकि जनता को राहत मिले और समस्या पैदा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए ताकि दोबारा ऐसी स्तिथि पैदा न हो सके।
