ब्रिसबेन, 4 जनवरी 2022, (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
माँ ईश्वर का दूसरा रूप होती है। माँ की ताकत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने बच्चे की सुरक्षा और उसे ज़िंदगी की सभी ख़ुशी देने के लिए अपनी, सहूलतें और जीवन दाव पर लगा देती है। निक्की ऐंटरम एक ऐसी आस्ट्रेलियाई माँ है, जिस ने अपने बेटे की ख़ुशी में उस की कुदरती लाचारी को भी नहीं आने दिया। निक्की ने अपने मानसिक और शारीरिक तौर पर दिव्यांग पुत्र को अपनी पीठ ऊपर उठा कर आधी दुनिया (Mother Toured World with Son On Her Back) दिखा दी है।
43 साला निक्की अपने दिव्यांग और नेत्रहीन पुत्र जिंमी (26) को पीठ ऊपर उठा कर आधी दुनिया की यात्रा कर चुकी है। रिपोर्ट मुताबिक निक्की ने बताया कि जब वह सिर्फ़ 17 साल की थी, तब उस ने ज़मीन को जन्म दिया था जो कि जन्म से ही दिव्यांग है। उसे शारीरिक और मानसिक दिव्यांगता साथ-साथ अन्धापन की भी समस्या थी। कुल मिला कर 24 घंटे उसे देखभाल की ज़रूरत थी। हालाँकि, निक्की ऐंटरम ने बेटे की किसी भी मुश्किल को अपनी ख़ुशी के रास्ते में नहीं आने दिया।
जिंमी जो अब 26 साल का है, को निक्की ने अपनी पीठ ऊपर उठा कर हवाई से बाली और पेरीशर की ढलाने तक दिखा दीं हैं। उस ने यह सारा सफ़र अपने पुत्र को पीठ पर उठा कर पूरा किया। कुईनज़लैंड के सनशाईन कोस्ट में रहने वाली निक्की ने अपने बेटे को बेहतरीन ज़िंदगी देने का वायदा किया था और इस को पूरा करने के लिए माँ का कंधा ही काफ़ी है। वह कोरोना बढ़ने से पहले कैनेडा का दौरा भी पूरा करना चाहती है।
ऐसा नहीं है कि जिंमी के पास व्हीलचेयर नहीं है परन्तु उस की माँ उसे सैर के लिए अपने कंधों पर लिजाना पसंद करती है। वह जिंमी को कुछ दूरी तय करने के लिए कहती है, जब कि कठिन रास्तों पर उसे उठा लेती है। सैर-सपाटे पर जाने के समय उन को बहुत से डायपर, कपड़े और बैड पैड, चादरों साथ-साथ सिरहाने भी साथ ले कर जाने पड़ते हैं। निक्की की यात्रा योजना में रैस्टोरैंट, होटल और साहसी यात्राएं भी शामल हैं।
वह सभी स्थानों पर अपनी स्थिति भी बताते हैं जिससे उन को किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े। उस ने जिंमी को अपने बैग के साथ पीठ पर उठाने का अभ्यास किया है, जिससे वह आराम के साथ ऐसा कर सके। उस का कहना है कि वह अपने बेटे जिंमी के साथ ज़िंदगी की सब से छोटी और बड़ी ख़ुशी का आनंद लेना चाहती है। बाहर जाने से पहले, वह जिंमी को कपड़े पहन कर तैयार करती है और उस की ज़रूरतों का समान भी रखती है।