
* मास्क न पहनने पर एक माह में 4 लाख से अधिक का जुर्माना
संगरूर, कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस की पालना करना और बार-बार हाथ धोना अनिवार्य किया गया है, ऐसा करने से कोरोना वायरस से काफी हद तक बचा जा सकता है, बावजूद लोग इसका पालन करने से कतरा रहे हैं। बता दें कि लोग पुलिस द्वारा हैलमेट के चालान से बचने के लिए दोपहिया वाहन पर सवार होते समय हैलमेट को अपनी बाजू में लटकाकर चलते हैं और सामने पुलिस का नाका देखते ही हैलमेट को अपने सिर पर रख लेते हैं उसी प्रकार अब लोग गले में लटके मास्क को भी पुलिस नाके को देखकर चालान से बचने के लिए अपने मुंह पर लगा लेते हैं। लोगों के इस व्यवहार से यह प्रतीत होता है कि लोग कोरोना वायरस से नहीं डरते बल्कि उन्हें पुलिस द्वारा किए जाने वाले चालान का डर ज्यादा सताता है। संगरूर जिले में पुलिस द्वारा जून माह में मास्क न लगाने वाले 835 व्यक्तियों के चालान करके 4 लाख 17 हजार 500 रूपये जुर्माना वसूल किया गया है।
जुलाई-अगस्त के माह में कोरोना पीक पर होने की आशंका
एसएमओ डॉ. बलजीत सिंह ने बताया कि जुलाई और अगस्त में कोरोना वायरस के बढऩे की संभावना है, ऐसे में सेहत विभाग के साथ-साथ पुलिस भी मास्क नहीं पहनने वालों पर सख्त रूख अपनाये। मास्क कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है। अगर दो व्यक्ति एक स्थान पर और उनमें एक व्यक्ति संक्रमित है, यदि दोनों ने मास्क लगाया हुआ है तो दूसरे के संक्रमित होने का खतरा कम रहता है।
मास्क हर व्यक्ति का सुरक्षा कवच- डीएसपी
डीएसपी सतपाल शर्मा का कहना है कि पुुलिस लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, यह भी सही है कि डयूटी करने के दौरान कई पुलिस कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। बावजूद पुलिस के जवान तनदेही से अपनी डयूटी कर रहे हैं। लोगों को पुलिस की बजाये कोरोना से डरना चाहिए। पुलिस को देखकर नहीं बल्कि घर से ही मास्क पहनकर निकलें। दो गज की दूरी (सोशल डिस्टैंसिंग) का गंभीरता से पालन करें तथा कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क एक बड़ा सुरक्षा कवच है।