Narendra Modi बोले- रमजान में पहले से करें ज्यादा इबादत ताकि ईद से पहले दुनिया बने कोरोना मुक्त
नई दिल्ली (प्रेस की ताकत टीम) : मन की बात का यह 64वां संस्करण है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है। दरअसल, कोरोना वायरस के कहर के बीच देश में लॉकडाउन जारी है। कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के जरिए देश वासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक सिपाही है। उन्होंने देशवासियों को अक्षय तृतीया, रमजान की बधाई दी। वहीं उन्होंने लोगों से 2 गज दूरी का पालन करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार रमजान में पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना वायरस से मुक्त हो जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित करते हुए कोरोना को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा। कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप ढल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ सीखा रहा है, इसलिए हमें अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।
Narendra Modi “Mann Ki Baat” Updates :
* सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी : मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि सभी दो गज की दूरी बनाए रखें और घर से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि मैं आपसे आग्रह करूंगा कि हम कतई अति-आत्मविश्वास में न फंस जाएं, हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गांव में, हमारी गली में, हमारे दफ्तर में अभी तक कोरोना नहीं पहुंचा है इसलिए अब पहुंचने वाला नहीं है। देखिए ऐसी गलती कभी मत पालना। दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है और हमारे यहां तो बारंबार कहा जाता है- ‘सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी’।
* गमछा से मुंह ढकना बेहतर : पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की वजह से बदलते हालात में मास्क भी हमारे जीवन का हिस्सा बन रहा है। वैसे हमें इसकी भी आदत कभी नहीं रही कि हमारे आस-पास बहुत सारे लोग मास्क में दिखें, लेकिन अब हो यही रहा है। हां इसका मतलब ये नहीं है कि जो मास्क लगाते हैं वे सभी बीमार हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब मैं मास्क की बात करता हूं तो मुझे पुरानी बात याद आती है। पहले लोग सेव खरीदते देखते थे किसी को तो सोचते थे कि घर में कोई बीमार होगा। मगर धीरे-धीरे यह धारणा बदली। वैसे ही मास्क को लेकर भी अब धारणा बदलने वाली है। आप देखिएगा, मास्क अब सभ्य समाजद का प्रतीक बन जाएगा। अगर बीमारी से खुद को बचाना है और दूसरों को भी बचाना है तो आपको मास्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो सिंपल सुझाव रहता है, गमछा, गमछा से मुंह ढकना है।
* हमने विश्व की दवा से मदद की : पीएम मोदी ने कहा कि हमने विश्व के हर जरूरतमंद देशों तक दवाइयों को पहुंचाने का बीड़ा उठाया और मानवता के इस काम को करके दिखाया। आज जब मेरी अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात होती है तो वो भारत की जनता का आभार जरूर व्यक्त करते हैं। जब वे लोग कहते हैं- थैंक यू इंडिया, थैंक यू पीपल ऑफ इंडिया तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है।
* मोदी ने अध्यादेश की दिलाई याद : देशभर से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने अभी हाल ही में जो अध्यादेश लाया है, उस पर अपना संतोष व्यक्त किया है। इस अध्यादेश में कोरोना योद्धाओं के साथ हिंसा, उत्पीड़न और उन्हें किसी रूप में चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ बेहद सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। हमारे डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मी और ऐसे सभी लोग जो देश को कोरोना मुक्त बनाने में दिन रात जुटे हुए हैं, उनकी रक्षा के लिए यह कदम जरूरी था।
* कोरोना में सबकी की जा रही मदद : ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ के तहत गरीबों के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई हैं। गरीबों को तीन महीने के मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। इन सब कामों में सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग एक टीम की तरह दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूंगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका है। उनका ये परिश्रम प्रशंसनीय है।
* देश एक टीम बनकर कर रहा काम : देश जब एक टीम बनकर काम करता है तब क्या कुछ होता है, ये हम अनुभव कर रहे हैं। आज के्ंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर एक विभाग और संस्थान राहत लिए मिलजुल कर पूरी स्पीड से काम कर रहे हैं। हमारे एवियेशन सेक्टर में काम कर रहे लोग हों, रेलवे कर्मचारी हों, ये दिन रात मेहनत कर रहे हैं ताकि देशवासियों को कम से कम समस्या हो। देश के हर हिस्से में दवाइयों को पहुंचाने के लिए लाइफ-लाइन उड़ान नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है। हमारे इन साथियों ने, इतने कम समय में देश के भीतर ही तीन लाख किलोमीटर की हवाई उड़ान भरी है और 500 टन से अधिक मेडिकल सामग्री , देश के कोने-कोने में आप तक पहुंचाया है। इसी तरह रेलवे के साथ लॉकडाउन में भी लगातार मेहनत कर रहे हैं ताकि देश आम लोगों को जरूरी वस्तुओं में कमी न हो।
* हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई को लड़ रहा : हमारे किसान भाई-बहनों को देखिए, एक तरफ वो इस महामारी केबीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि इस देश में कोई भूख न सोए। हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई किराया माफ कर रहा है तो कोई अपनी पूरी पेंशन या पुरस्कार में मिली राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है तो कोई हर रोज सैकड़ों गरीबों को मुफ्त में भोजन करा रहा है। कोई मास्क बना रहा है, कहीं हमारे मजदूरो भाई बहन क्वारंटाइन में रहते हुए जिस स्कूल में रह रहे हैं, उसकी रंगाई-पुताई कर रहे हैं। दूसरों की मदद के लिए आपके भीतर हृदय के किसी कोने में जो ये उमड़ता-घुमड़ता भाव है ना। वही कोरोना के खिलाफ भारत की इस लड़ाई को ताकत दे रहा है।
* देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल : पूरे देश में, गली- मोहल्ले में, जगह-जगह पर आज लोग एक-दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। गरीबों के लिए खाने से लेकर राशन की व्यवस्ता हो या लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल उपकरण का देश में ही निर्माण हो, आज पूरा देश एक लक्ष्य-एक दिशा साथ-साथ चल रहा है। ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीजों ने जो भावनाओं को जन्म दिया। जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ न कुछ करने की ठान ली, हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है, जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें हर कोई अपना योगदान देने को आतुर है।
* भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है : भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही मायने में पीपल ड्राइवेन है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश, जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, गरीब से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है और हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाई है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है।
* भविष्य में भारत की लड़ाई की चर्चा होगी : आप कहीं भी नजर डालिए, आपको एहसास हो जाएगा कि भारत की लड़ाई पीपल ड्राइवेन है। जब पूरा विश्व इस महामारी के संकट से जूझ रहा है। भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी, उसके तौर-तरीकों की चर्चा होगी, मुझे विश्वास है कि भारत यह पीपल ड्राइवेन लड़ाई, इसकी चर्चा जरूर होगी।
अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है- ‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम्, व्याधि: शेषम् तथैवच। पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत।। हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी, मौका पाते ही दोबारा बढ़कर खतरनाक हो जाती हैं। दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी। अगली मन की बात के समय जब मिलें तब, इस वैश्विक-महामारी से कुछ मुक्ति की खबरें दुनिया भर से आएं, मानव-जाति इन मुसीबतों से बाहर आए– इसी प्रार्थना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।