– बेहतर मैडीकल सुविधाओं के साथ लेबर का पलायन रोक आर्थिक गतिविधियों को आगे ले जाना होगा
संगरूर, (सुभाष भारती): कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों और लॉकडाऊन को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाना मुश्किल हो सकता है। इंडस्ट्रीलिस्टों का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर की लड़ी को तोडऩे के लिए पूरे देश को मिलकर लड़ाई लडऩी पड़ेगी। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारें उद्योगपतियों के साथ मिलकर लोगों को बेहतर मैडीकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने, टीकाकरण को रफ्तार देकर व लेबर का पलायन रोक कर आर्थिक गतिविधियों को भी आगे बढ़ायें। इसके साथ ही देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए सरकारों को उचित कदम उठाने होंगे। लॉकडाऊन कोई समाधान नहीं, इससे इंडस्ट्री डूब जाएगी।
केन्द्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि फैक्ट्रियों को बंद न करके कोरोना के खिलाफ जंग लड़े। इस समय सरकार को चाहिए कि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाये, उनके दामों पर काबू रखें।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री के पक्ष में कोई योजना नहीं बनाई – कांसल
इंडस्ट्री को हर हालत में फिक्स खर्चे करने ही पड़े हैं। केन्द्रीय वित्त मंत्री की तरफ से भी इंडस्ट्री के हक में कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई और न ही बैंकों की तरफ से कोई रियायत दी गई थी। वित्त मंत्री इंडस्ट्री को लोन उपलब्ध करवाने की बात कर रही है, जिसका कोई लाभ नहीं है। बैंकों के रेट ऑफ इंटरस्ट को कम करना चाहिए। लॉकडाऊन के खौफ के चलते ट्रांस्पोर्टरों ने भी माल ढोना बंद कर दिया है, जिस कारण कच्चा माल व तैयार माल की सप्लाई बाधित हो रही है जिसका असर कुछ क्षेत्रों पर सीधे तौर पर पड़ेगा। – घनश्याम कांसल, जिलाध्यक्ष संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रियल चैंबर, संगरूर
एमएसएमई इंडस्ट्री पहले ही मंदी की मार झेल रही है- बांसल
लोगों की सुरक्षा करना सरकारों की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए देश की अर्थव्यवस्था को बनाये रखने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए। लेबर का पलायन रोकना होगा। पिछली बार लेबर जाने के बाद वापस आ गई और इंडस्ट्री को कुछ राहत मिली थी लेकिन अगर इस बार लेबर वापस चली जाती है तो दोबारा उसे वापस लाना बहुत मुश्किल होगा। अगर ऐसी स्थिति बन जाती है तो सरकार को लेबर के पी.एफ. से उन्हें वेतन देना चाहिए। एमएसएमई इंडस्ट्री पहले ही मंदी की मार झेल रही है। – संदीप बांसल मोनू, ब्लाक अध्यक्ष संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रियल चैंबर, संगरूर
लॉकडाऊन से अच्छा है सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाये- घुमनिया
लॉकडाऊन होता है तो जीडीपी पर इसका गहरा असर पड़ेगा। इंडस्ट्री को फिक्स खर्चे जैसे बिजली के बिल, बैंकों के ब्याज इत्यादि देने ही पड़ेंगे। लोगों के पास एक्सपोर्ट के काफी आर्डर हैं, अगर इंडस्ट्री बंद होती है तो इससे इंटरनेशनल चेन भी टूटेगी और स्थानीय उद्योगों पर भी इसका बुरा असर होगा। इंडस्ट्री बंद होने पर श्रमिक ग्रुप बनाकर बैठ जाते हैं, जिससे कोरोना अधिक फैल सकता है। अगर कामकाज चलता है तो लेबर काम में व्यस्त रहेगी। लॉकडाऊन से अच्छा है सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाये। – विजय घुमनिया, राइस मिलर्स, मौड़ मंडी
लोगों के जन-जीवन की सुरक्षा की पॉलिसी बनाये सरकार – मोदी
इस समय देश ही नहीं विश्व भर में कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव है। सरकार को सोच-समझ कर कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि अगर इंडस्ट्री बंद होती है तो अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। इंडस्ट्री सरकार का सहयोग करने के लिए तैयार है लेकिन सरकार को जन-जीवन की सुरक्षा के साथ-साथ इंडस्ट्री को जीवित रखने के लिए भी कदम उठाने होंगे। एक छोटी-सी फैक्टरी बंद होने का प्रभाव बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों पर भी पड़ता है। देश की इकॉनोमी पर नैगेटिव प्रभाव न पड़े और आर्थिक गतिविधियां चलती रहें तथा लोगों के जन-जीवन की सुरक्षा हो इस तरह की पॉलिसी सरकार को बनानी चाहिए। – प्रमोद मोदी, राइस मिलर्स नेता, संगरूर