* प्रधानमंत्री ने कहा था कि न गालवान घाटी में कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.
* तो क्या प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र को चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया ?
नई दिल्ली (प्रेस की ताकत न्यूज डेस्क): गालवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं और मोदी नेता लगातार अपने जवाब बदल रहे हैं।
राहुल गांधी ने कुछ देर पहले एक ट्वीट कर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने मोदी सरकार से सवाल पूछते हुए ट्वीट किया, प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र को चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. अगर जमीन चीन की थी तो हमारे जवान क्यों मारे गए. उन्हें किस जगह मारा गया.
राहुल गांधी ने यह ट्वीट पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद दिया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था, न गालवान घाटी में कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. आज हमारे पास ये कैपेबिलिटी है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता है.श्
इससे पहले राहुल गांधी ने कौन जिम्मेदार है कैप्शन लिखते हुए अपने एक वीडियो में पूछा था, भाइयों और बहनों, चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है. मैं पूछना चाहता हूं, इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा. कौन जिम्मेदार है. धन्यवाद.
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गालवान घाटी हिंसा में सैनिकों की जान जाने पर संवेदना व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसे री-ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने उनसे पांच सवाल पूछे थे. राहुल ने लिखा, अगर आपको इतना दर्द महसूस हो रहा है तो बताइए कि क्यों आपने ट्वीट में चीन का नाम न लेकर भारतीय सेना को अपमानित किया. क्यों दो दिन बाद सांत्वना व्यक्त कर रहे हैं. क्यों रैली को संबोधित कर रहे थे, जब एक ओर जवान शहीद हो रहे थे. क्यों छिपे हुए हैं और मीडिया के जरिए भारतीय सेना को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्यों मीडिया के जरिए सरकार की जगह सेना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
पाठकों को बता दें कि पूर्वी लद्दाख स्थित गालवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी, जबकि 76 सैनिक हो घायल गए. अभी भी घायलों का लेह के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. झड़प में चीन के भी कुछ सैनिक हताहत हुए थे परंतु अभी तक चीन की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है.