छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)-शक्ति ट्रस्ट एव सँस्कृत पुस्तकोन्नति सभा द्वारा संचालित सन्त श्री आशारामजी आश्रम खजरी में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी गीता जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई । हमारे शास्त्रों में गीता , गंगा और गाय का विशेष महत्व है । विद्यार्थियों में श्रीमद्भागवत गीता के ज्ञान का संचार हो इस निमित्त प्रतिवर्ष यह आयोजन सम्पन्न होते हैं। कोविड- 19 एवं छःमाही परीक्षा होने के कारण बहुत से विद्यार्थियों ने स्कूली प्रतियोगिता में भाग ना लेकर गीता ज्ञान की ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लिया । सम्पूर्ण आयोजन श्री योग वेदांत सेवा समिति के तत्वावधान में सम्पन हुए । समिति के मीडिया प्रभारी भगवानदीन साहू ने बताया कि पूज्य बापूजी के आशीर्वाद से 25 जुलाई 2020 को बहुत से धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री एवं स्कूली साक्षरता विभाग केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर देश के सभी स्कूली पाठ्यक्रमों में श्रीमद भगवद्गीता अनिवार्य किये जाने की मांग की थी , जिस पर राष्ट्रपति जी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार के स्कूली साक्षरता विभाग को एवं समस्त राज्य सरकार के मुख्य सचिव को आदेशित किया था। राष्ट्रपति के आदेश पर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा की सरकारों ने उनके स्कूली पाठ्यक्रमों में श्रीमद्भागवत गीता को शामिल कर लिया गया है तथा केंद्र सरकार के सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम और अन्य पाठ्यक्रमों में भी शामिल कर लिया गया है साथ ही सऊदी अरब के पाठ्यक्रम में भी श्रीमद भगवद्गीता अनिवार्य हो गई है। प्रतियोगिता में लगभग 19000 विद्यार्थियों ने भाग लिया साथ ही लगभग 7000 से अधिक लोगों को श्रीमद्भागवत गीता का साहित्य निःशुल्क भेंट किया। इस प्रकार सम्पूर्ण आयोजन में लगभग 26000 लोग लाभान्वित हुए । गुरुकुल से जुड़ी रश्मि चतुर्वेदी ,हरीश भाई , अंकित भाई का योगदान सराहनीय रहा। इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई, गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े, सुखदेव मानकर , अरुण अग्रवाल , सोमेश चरपे , साहित्यकार गोवर्धन यादव प्राचार्य विवेक शर्मा, श्रीमति वाणी मिश्रा , श्रीमती निहारिका वर्मा , उमाकांत दुबे , महिला समिति से सुमन दोईफोड़े, विमल शेरके, डॉ. मीरा पराडकर, शकुन्तला कराडे, करुणेश पाल, वनीता सनोडिया, मीना मेश्राम, योगिता पराडकर ने अपनी अपनी सेवाएं दी।