लखनऊ (विशाल वर्मा)- उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की ओर से वकालत करने वाले सभी अधिवक्ताओं से नवीनीकरण हेतु प्रत्येक पाँच वर्ष पर रू.500.00 जमा करने की घोषण की है। बार काउंसिल की ओर से इस शुल्क की माँग का आधार यह बताया गया है कि बार एसोशिएशन के सक्रिय सदस्य होने का लाभ उन्ही वक़ीलों को मिले जो प्रैक्टिश में सक्रिय हैं। इस बारे में बार एसोशिएसन के पूर्व महासचिव अशोक कुमार सिंह का कहना है कि बार काउंसिल के पास सभी अधिवक्ताओं के विवरण उपलब्ध हैं। वास्तव में प्रैक्टिश कर रहे अधिवक्ताओं की जानकारी के लिए उनसे पिछले पाँच वर्ष में डील किये गये मुकदमों की संख्या के बारे घोषणा पत्र लिया जा सकता है। राजस्व परिषद बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव विजय चंद्र श्रीवास्तव व अधिवक्ता समन्वय समिति के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार बार काउंसिल के पास पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं का विवरण उपलब्ध है। एवं प्रत्येक बार एसोसिएशन की सम्बद्धता नवीनीकरण के समय प्रत्येक वर्ष के सदस्यों की सूची बार काउंसिल को जमा की ही जाती है । सीओपी नवीनीकरण के लिए बार एसोसिएशन से उनके सदस्यों की लिस्ट मँगा सकते हैं। नवीनीकरण के नाम पर रू0 500.00 के शुल्क की माँग करना उचित नहीं है।