Web Desk -Harsimranjit Kaur
हरियाणा, 7 अक्तूबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)- लखीमपुर खीरी का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब हरियाणा में भी ऐसा ही मामला सामने आ गया है। अंबाला के नारायणगढ़ में भाजपा सांसद का विरोध कर रहे किसान पर गाड़ी चढ़ाने की घटना सामने आई है। तीन कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के सांसद, मंत्रियों और नेताओं का विरोध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। गुरुवार को नारायणगढ़ साढौरा रोड पर सैनी भवन में सैनी सभा नारायणगढ़ द्वारा कोरोना वारियर्स को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें खेल मंत्री सन्दीप सिंह और कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी को शिरकत करनी थी। इस कार्यक्रम की भनक भाकियू और अन्य किसान संगठनों को भी लग गई। इसके बाद भाकियू ने सांसद और मंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने का एलान कर दिया। भाकियू के जिला प्रधान मलकीयत सिंह ने सोशल मीडिया पर किसानों से बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम का विरोध करने के लिए एकत्रित होने की अपील भी की।
कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी और परिवहन मंत्री मूल चन्द शर्मा को किसानों के विरोध के कारण सैनी भवन में आयोजित अपना कार्यक्रम बीच में छोड़ना पड़ा। किसान संगठनों के विरोध को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोकने की पूरी तैयारी की हुई थी। स्टेट हाईवे नंबर एक पर स्थानीय महाराजा अग्रसेन चौक, भगवान विश्वकर्मा चौक पर न केवल पुलिस बैरिकेडिंग की गई अपितु बड़े बड़े ट्रालों को सड़कों के बीचों बीच खड़े करके रास्तों को एक तरह से जाम कर दिया गया था। सैनी भवन तक कई सतही बैरिकेडिंग करने के साथ कई पुलिस कर्मियों, वाटर कैनन गाड़ी, आंसू गैस के गोले दागने वाले वाहन भी कार्यक्रम स्थल के पास मुस्तैद खड़े थे। किसानों को रोकने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग बेकार साबित हुई। किसानों के जोश के आगे पुलिस के सभी प्रबंध धरे रह गए।
इसी बीच मंत्री और सांसद के काफिले की एक गाड़ी ने साढौरा क्षेत्र के एक युवा किसान को पीछे से टक्कर मार दी जिससे वह घायल हो गया। इसके बाद किसान भड़क गए और गाड़ी के मालिक, चालक और उसमें बैठे नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर स्टेट हाईवे नंबर एक पर सैनी भवन के सामने धरने पर बैठ गए।
सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ा वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें किसान मंच से बोल रहे हैं कि उनके एक साथी पर गाड़ी चढ़ा दी गई है और सरकार ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है। किसानों ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में नारायणगढ़ पहुंचने का एलान किया है।