अम्बाला छावनी की जनता ने मौका दिया तो घर बैठे सरकारी कार्य होंगे।
तहसील कार्यालय,बिजली बोर्ड, व नगरपरिषद अम्बाला छावनी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए एडवोकेट दमनप्रीत सिंह ने कहाकि सूबे के सबसे शक्तिशाली मंत्री के अपने ही हल्के में समस्याओं के अम्बार लगे हैं वो किसी को नजर नही आते लेकिन वाहवाही लूटने के लिए राजाओं-महाराजाओं की तरह दरबार लग रहे हैं जबकि लोकतंत्र में राजा नही जनता सुप्रीम होती है। राजा माँ के पेट से पैदा नही होता बल्कि जनता राजा चुनती है तो ऐसे में चुने हुए नुमाइंदे का कर्तव्य दरबार लगाने का नही बल्कि जनता के द्वार जाने का है। उन्होंने कहाकि अम्बाला छावनी की जनता ने उन्हें आशीर्वाद दिया तो दरबार नही सरकार जनता के द्वार जाएगी। गृहकर ,प्रोपर्टी आईडी व अनापत्ति प्रमाणपत्र व प्रोपर्टी आई डी में कमियां दरुस्त करने, बिजली बिल ठीक कराने, इंतकाल करवाने, फर्द निकलवाने,म्युटेशन में रकबा ठीक करवाने की मौजूदा व्यवस्था ने जनता को तोड़ कर रख दिया है। नगरपरिषद हो या अम्बाला शहर नगर निगम प्रोपर्टी आईडी व गृहकर व्यवस्था, अनापत्ति प्रमाणपत्र व आई डी दरुस्ती की मौजूदा प्रणाली ने पूरे शहर को उलझा दिया है। गृहकर के नाम पर लूट मची है। ज्यादातर मामलों में गृहकर में अनगिनत गलतियां है जिन्हें दरुस्त करवाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगा कर जनता परेशान हो रही है। कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने दिल्ली की एक संस्था “”मैप माइ इंडिया”” से प्रोपर्टी का सर्वे करवाया था उसी सर्वे को आधार मान कर जनता को गृहकर के बिल थमाए जा रहे हैं जिनमे मालिक का नाम, रकबा व पत्ते सहित अनगिनत विसंगतियां है। जब कोई इन बिलो को ठीक करवाने जाता है तो उसे लम्बी प्रक्रिया व तानाशाह अधिकारियों व लापरवाह कर्मचारियो का सामना करना पड़ता है। प्रोपर्टी आईडी या प्रोपर्टी में नाम या प्रोपर्टी में वर्णित जगह ठीक करवाओ, मौका करवाओ, सर्वे दोबारा करवाओ। बिजली बोर्ड व तहसील कार्यालय में सभी दुखी व्यक्ति चक्कर काट रहे हैं कोई पूछने वाला नही । आम व्यक्ति इन्ही चक्करों में पिस कर रह गया है लेकिन कोई भी सत्तासीन नेता जनता की तकलीफों को समझने को तयार नही। सभी आंखों के होते हुए भी सूरदास बने हुए हैं। नई रजिस्ट्री व्यवस्था व अधूरी अपडेटेड कंप्यूटर प्रणाली के अनुसार बिना प्रोपर्टी आईडी व नगरपरिषद/नगरनिगम से सम्बन्धता के रजिस्ट्री नही हो सकती। ऐसी व्यवस्था में ही भ्र्ष्टाचार पनपता है। पूरे जिले में लाखों नई आईडी बनी है जी ठीक होनी है जिसके लिए न तो आवश्यक स्टाफ है और न ही आधारभूत सरंचना। टाल मटोल करने के लिए सबसे बढ़िया बहाना है कि यह दरुस्ती ई.ओ. साहिब की आई डी से होगी। पूरे प्रदेश की जनता खून के आंसू रो रही है और सत्तासीन नेता आंखे मूंद मजे ले रहे हैं। मौजूदा गृहकर प्रणाली में लाखों के झोल है जिनके बारे सबूत सहित जल्दी खुलासा किया जाएगा ताकि जनता को सच पता लग सके और कुम्भकर्णी नींद सोए नेताओं की आंख खुल सके।