छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- के नेतृत्व में अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृहमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गौहत्या पर प्रतिबंध की मांग की। ज्ञापन में बताया कि हमारी सनातन संस्कृति में गीता , गंगा और गाय का विशेष महत्व है। इनके बिना अखंड भारत का सपना अधूरा है। हमारी संस्कृति में पेड़ पौधों से लेकर जीव जन्तु के पूजन का विधान है । पहले के काल में गौ धन से ही मनुष्य की सम्पन्नता आकी जाती थी । जिसके पास जितनी अधिक गाय होती थी उसको अधिक धनवान समझा जाता था । पश्चिमी संस्कृति के अधानुकरण या किसी षडयंत्र के तहत गौ मांस भक्षण की प्रथा प्रारंभ हुई । यहीं से हमारी बर्बादी की भी शुरुआत हुई । एक छोटा सा देश है उरुग्वे , जिसकी जनसंख्या लगभग 33 लाख है । औसतन एक व्यक्ति के पास चार गाय होती है जिनकी संख्या 1 करोड़ 20 लाख है । सभी गायों के कान में इलेक्ट्रानिक चिप लगी हुई है । जो गायों के लालन- पालन एवं देखरेख में सहायक है।
यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है । उरुग्वे के एक व्यक्ति की मासिक आय लगभग 1 लाख 25 हजार रूपये है। वहाँ का राष्ट्रीय चिन्ह सूर्य है । राष्ट्रीय प्रगति चिन्ह गाय और घोड़ा है । गाय की हत्या पर फांसी का कानून है। वहीं हमारे देश में जन्म लेने वाला बालक भी लगभग 36 हजार रु . कर्ज लेकर पैदा होता है। इतना विदेशी कर्ज में हम दूबे हुए हैं । आप सभी लोग ईश्वर के आर्शीवाद से पिछले जन्मों के पुण्य प्रताप से तथा आम जनता के सहयोग से देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान है । ये बहुत अच्छी बात है आप श्रीराम मंदिर बना लो, कितने ही श्रीकृष्ण मंदिर बनवा लो या कितने ही काशीविश्वनाथ के मंदिर बना लो लेकिन जब तक देश में गौमाता की हत्या होती रहेगी और संतो पर अत्याचार होता रहेगा हम कभी भी उन्नति के शिखर पर नहीं पहुंच सकते। परिस्थिति बदलती रहती है । सत्ता सुख स्थाई नहीं है , देश को आपसे बहुत अपेक्षाएं है । यह भी कटु सत्य है कि एन.डी.ए के शासन काल में जिसमें अधिक साधु संतों की हत्या हुई अत्याचार हुये गौ मांस निर्यात में अधिकता है , उतनी कभी नहीं हुई । कृपया पूर्ण ईमानदारी से कृषि और पशुपालन को लाभ का साधन बना कर हमारी गौरवशाली परम्परा को स्थापित करने की कृपा करें। ज्ञापन देते समय साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, आधुनिक चिंतक हरशुल रघुवंशी, शिक्षाविद विशाल चवुत्रे, कुनबी समाज के युवा नेता अंकित ठाकरे , राष्ट्रीय बजरंग दल के नितेश साहू, कलार समाज के सुजीत सूर्यवंशी, साहू समाज के ओम प्रकाश साहू, पवार समाज के प्रमुख हेमराज पटले, आई.टी. सेल के प्रभारी भूपेश पहाड़े, युवा सेवा संघ के नितिन दोईफोड़े, नारी रक्षा मंच से दर्शना खट्टर, सुमन दोईफोड़े, डॉ. मीरा पराडकर, छाया सूर्यवंशी, करुणेश पाल, शकुन्तला कराडे, योगिता पराडकर, दीपा डोडानी मुख्य रूप से उपस्थित थे।