नई दिल्ली, 8 सितम्बर (प्रेस की ताकत बयूरो)- भारत में पिछले 24 घंटे में नए COVID-19 केसों में 21.3 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। कोरोना के पिछले 24 घंटे में 37,875 नए मामले सामने आए, जिससे कुल मामलों की संख्या 33,096,718 हो चुकी है। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या 391,256 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 39,114 लोग ठीक हुए और अब तक कुल 32,264,051 लोग कोरोना से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से कल से 27.2 फीसदी ज़्यादा 369 लोगों की मौत हुई है। अब तक कोरोना से कुल 441411 मौतें हो चुकी हैं। पिछले 24घंटे में 78,47,625 वैक्सीनेशन हुआ। अब तक कुल वैक्सीन की 70,75,43,018 डोज लग चुकी हैं।
महाराष्ट्र में कोविड-19 के 3,898 नए मामले सामने आए, 24 घंटे में 86 मरीजों की मौत
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सोमवार की तुलना में मंगलवार को दैनिक मामलों और मृतकों की संख्या में मामूली वृद्धि देखी गई. सोमवार को राज्य में कोविड-19 के 3,626 नए मामले आए और 37 मौतें हुईं. राज्य में 3,581 ठीक हुए मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के साथ, कुल ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 63,04,336 हो गई।
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोना वायरस के 3,898 नए मामले सामने आए और 86 लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में अब तक हुए संक्रमितों की संख्या बढ़कर 64,93,698 हो गई और मरने वालों की संख्या 1,37,897 हो गई।
कोरोना ने एड्स, टीबी, मलेरिया जैसी बीमारियों के खिलाफ जंग पर डाला बुरा प्रभाव
बता दें कि कोरोना की महामारी ने दुनिया में घातक बीमारियों एचआईवी एड्स, मलेरिया औऱ ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी के खिलाफ जंग पर विनाशकारी असर डाला है। ग्लोबल फंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के आंकड़े अलग कहानी कहते हैं। ग्लोबल फंड के पीटर सैंड्स ने कहा कि हमें कोविड-19 को लेकर जो आशंका थी, वो सच साबित हुई है. फंड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एचआईवी टेस्टिंग और रोकथाम से जुड़ी सेवाओं में बहुत ज्यादा गिरावट आई है। फंड के कार्यकारी निदेशक पीटर सैंड्स ने कहा, संगठन की 20वीं वर्षगांठ पर हमारी रिपोर्ट बड़े बदलावों को सामने लाती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में हमने एचआईवी, टीबी और मलेरिया के खिलाफ जो जंग लड़ी थी, उस पर कोरोना महामारी की भयावहता भारी साबित हुई है। उन्होंने कहा, पहली बार हमारे जांच, नतीजे और परिणाम पहले के मुकाबले निराशाजनक रहे हैं। एचआईवी से जुड़ी जांच और रोकथाम के अभियानों पर बुरा अशर पड़ा है।