* एकट के विरोध में चिकित्सकों ने ओपीडी व लैब बंद कर जताया रोष

क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में मंगलवार को चिकित्सकों ने ओपीडी ठप्प कर अपना रोष जताया। एक दिवसीय हड़ताल के दौरान जालंधर के निजी अस्पतालों में ओपीडी समेत अन्य मेडिकल गतिविधियां बंद रहीं। चिकित्सकों ने आईएमए हाउस (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) में डॉ. पंकज पाल की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें सरकार की मंशा का जमकर विरोध किया गया।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. राकेश विग ने बताया कि सरकार एक्ट को जबरन थोप रही है। डॉ. कपिल गुप्ता ने बताया कि आईएमए ने सरकार को पूरा सहयोग दिया। कोविड-19 में निजी डॉक्टरों ने मरीजों को पूर्ण सेवाएं दी फिर भी सरकार क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट थोप रही है।
प्रधान डॉ. पंकज पाल ने बताया कि इस मुद्दे पर डॉक्टरों की सरकार के आला अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री के साथ मीटिंग हुई। इसके बावजूद कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग ने एक्ट को लागू करने की ठान ली। इस मौके पर डॉ. बीएस जौहल, डॉ. दीपक चावला, डॉ. मनीष सिंघल मौजूद रहे।
अबोहर में निजी अस्पताल और लैब रहीं ठप
अबोहर में भी मंगलवार को निजी डॉक्टरों व लैब संचालकों ने हड़ताल की। हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में आपात सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहीं। इस दौरान सभी डॉक्टरों व लैब संचालकों ने सूबा सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए बिल वापस लेने की मांग उठाई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान डॉ. युधिष्ठिर चौधरी ने कहा कि हम डॉक्टरों की लड़ाई सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ है।
सरकार अस्पतालों और लैबों पर जो एक्ट लागू कर रही है, उससे स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं होगा बल्कि मरीजों की जेब पर अधिक बोझ पड़ेगा और निजी अस्पतालों में सरकारी दखलअंदाजी से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार ज्वाइंट एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट मेडिकल लैबोरेटरी एंड अलाइड प्रोफेशनल्स के प्रधान कपिल चौधरी ने बताया कि इस अधिनियम के माध्यम से सरकार छोटी लैबों को खत्म कर बड़ी लैबों को फायदा पहुंचाना चाहती है। इस मौके पर उप प्रधान देवी लाल, सचिव सुमन ढल्ल, कैशियर संजीव पपनेजा, प्रेस सचिव दीपक दूमड़ा, वाइस सचिव सुनील ठठई, कुलबीर मान मौजूद रहे।