– प्राइवेट बस मालिकों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
– मांगें न माने जाने पर दी 7 दिन की हड़ताल की चेतावनी
– सरकार ने जिद्द न छोड़ी तो पंजाब स्तर पर संघर्ष कर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे बसों की चाबियां
संगरूर / भवानीगढ़, (सुभाष भारती): प्राईवेट बस मालिकों द्वारा अपनी मांगो को लेकर बसों को बस स्टैंड में खड़ा करके कैप्टन सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करके नारेबाजी की गई। प्राईवेट बस मालिकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगों को न माना तो जिला स्तर पर 7 दिन के लिए प्राइवेट बसों का चक्का जाम किया जाएगा और पंजाब के सभी प्राईवेट बस मालिकों को इकत्रित कर बसों की चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपी जाएंगी।
इस मौके प्राइवेट बस आप्रेटर्स यूनियन के जिलाध्यक्ष गमदूर सिंह फग्गूवाला, सरप्रस्त धर्मिन्द्र कुमार, खजानची दयाकरण सिंह व प्रैस सचिव भूपिन्द्र सिंह रंधावा ने दोष लगाते हुए कहा कि निजी बस आप्रेटरों प्रति पंजाब सरकार की मारू नीतियों ने उनकी कमर तोडक़र रख दी है और ट्रांस्पोर्ट का धंधा पूरी तरह से तबाह हो गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा राज्य में 1 अप्रैल 2021 से महिलाओं को सरकारी बस में मुफ्त सफर करने के फैसले का खमियाजा प्राइवेट बस आप्रेटरों को भुगतना पड़ रहा है तथा प्राईवेट बसों को सवारियां न मिलने के कारण उनका धंधा घाटे में चल रहा है जिससे उन्हें बसों के मुलाजिमों को वेतन देने के इलावा टैक्स आदि भरने में भी मुश्किलें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी बसों में मुफ्त सफर करने की सुविधा देने से पहले राज्य सरकार को एक बार निजी बस आप्रेटरों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था।
उन्होंने मांग की कि पैट्रोल / डीजल पर लगे वैट को कम किया जाए, सरकारी बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर के फैसले पर विचार किया जाए, घाटे में चल रही प्राईवेट बसों को उचित मुआवजा दिया जाए, निजी बस आप्रेटरों को मोटर व्हीकल टैक्स पक्के तौर पर माफ किया जाए, सभी बस अड्डों की फीस बिल्कुल मुफ्त की जाए, कोरोना काल के कारण ठहरी बसों के बीमे आगे बढ़ाये जाएं तथा सभी बसों को बराबर टाइम देकर नया टाइम टेबल बनाया जाए आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगो को न माना तो जिला स्तर पर 7 दिन के लिए प्राइवेट बसों की हड़ताल की जाएगी। इस मौके पर परमिंदर सिंह, चंद सिंह, दयाकरण सिंह, भूपिंदर सिंह, गुरमेल सिंह, कर्मजीत सिंह, वरिंदरपाल सिंह, हरविंदर सिंह, भरपूर सिंह आदि उपस्थित थे।