– शिअद ने 91.82 लाख करोड़ का कर्ज छोड़ा, कांग्रेस राज में 2.82 लाख करोड़ हुआ; अब वादे पूरे करने और कर्ज चुकाने का चैलेंज
-(सुभाष भारती)- भगवंत मान बुधवार को पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। किसी भी राज्य की समृद्धि की रीढ़ उसकी आर्थिक स्थिति होती है, लेकिन पंजाब की ‘रीढ़’ पिछले एक दशक से कमजोर हो रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार 2017 में जब कांग्रेस ने शिअद को गद्दी से बेदखल किया था उस वक्त प्रदेश पर 1.82 लाख करोड़ का कर्ज था, जो 5 साल में बढक़र 2.82 लाख करोड़ हो चुका है। यानी कांग्रेस के शासन में हर साल औसतन 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा। मान जब गद्दी संभालेंगे तो उनके सामने सूबे को ना सिर्फ कर्ज से बाहर निकालने, बल्कि जनता से किए गए लुभावने वादों, जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और प्रति महिला 1000 रुपए हैं, उसे पूरा करने की चुनौती होगी। मुफ्त बिजली और प्रति माह हजार रुपए कैश के लिए ही 20 हजार करोड़ की जरूरत होगी। बता दें कि 1986 में पंजाब कैश सरप्लस सूबा था। पंजाब को करों की हिस्सेदारी से 2.45 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। लेकिन जैसे-जैसे पंजाब की सरकारें बदलती गई कर्ज बढ़ता ही गया। नई सरकारें आती गईं, मुफ्त की नई योजनाएं लाती गईं, लेकिन पंजाब को कर्जमुक्त बनाने का मास्टर प्लान किसी के पास नहीं दिखा। अब चूंकि, आम आदमी पार्टी की सरकार पहली बार पंजाब की सत्ता संभालने जा रही है, तो लोगों को उससे नई उम्मीद जगी है।
सत्ता संभालकर – कांग्रेस राज में हर साल औसतन 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा, कैसे घटाएंगे?
कैप्टन और चन्नी सरकार के वायदों से कर्ज ओर बढ़ा
चरणजीत सिंह चन्नी ने 111 दिन के कार्यकाल के दौरान सितंबर 2021 को पंजाब के 2 किलोवाट तक कनेक्शन वाले सभी बकायेदारों के लंबित बिजली बिल माफ करने का फैसला किया था। इस पर खजाने पर 1200 करोड़ का बोझ पड़ा था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर पंजाब की महिलाओं को मुफ्त बस सफर की घोषणा की थी। पंजाब रोडवेज यूनियन इंटक के प्रधान मंगत खान ने बताया कि इससे रोडवेज व पनबस पर हर महीने 16 करोड़ रुपए खर्च आता है।
अर्थशास्त्र के 2 एक्सपर्ट्स बता रहे समाधान
सूबे की बैलेंस शीट ठीक करने के लिए राजस्व बढ़ाना जरूरी है
2021-22 में बकाया कर्ज सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का करीब 46 फीसदी है। कांग्रेस ने चालू वित्त वर्ष के लिए कुल राजस्व प्राप्तियों का लक्ष्य 95,257 करोड़ रुपये निर्धारित किया था। हालांकि, पंजाब कभी भी अपने राजस्व लक्ष्य का 80 प्रतिशत से अधिक हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ है। यदि नई सरकार दिल्ली मॉडल को पंजाब में लागू करना चाहती है, तो नए टैक्स का सहरा लेना पड़ेगा या अन्य खर्चों में भारी कमी करनी होगी।’ – शिव नारायण जांगड़ा (अर्थशास्त्री, पत्रकार व विशलेषक, पटियाला)
वायदे पूरे करने हैं तो टैक्स चोरी पर रोक लगे, 40 हजार करोड़ मिलेंगे
तमिलनाडु और पंजाब का टैक्स लगभग एक है, लेकिन तमिलनाडु अपनी जीएसडीपी का 13 फीसदी से अधिक टैक्स कलेक्ट करता है, जबकि पंजाब मात्र 7 से 8 फीसदी ही करता है। यानी 5 से 6 फीसदी टैक्स की चोरी हो रही है। पंजाब अगर टैक्स चोरी रोक ले तो सालाना 36 से 40 हजार करोड़ टैक्स कलेक्शन कर सकता है। टैक्स चोरी में रेत माफिया, कॉरपोरेट टैक्स, टाइल्स माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया आदि हैं।’ – सुभाष भारती (एडिटर इन चीफ प्रैस की ताकत व सरकारी अधिकारीयों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का खुल्लासा करने में माहिर)
1000 रुपए महीने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली से बढ़ेगा 20 हजार करोड़ का बोझ, दावा-45 हजार करोड़ रुपए जुटाएंगे
– केजरीवाल के अनुसार पंजाब का बजट 1.70 लाख करोड़ का है। 20 प्रतिशत रकम भ्रष्टाचार में जा रहा है। यानी 34 हजार करोड़। नई सरकार करप्शन का 25 हजार करोड़ और रेत के कारोबार से 20000 करोड़ रुपए की कमाई करेगी। इससे कुल 45000 करोड़ रुपए आएंगे।
– चुनाव आयोग के अनुसार पंजाब में 18 साल से ऊपर की 1,00,86,514 महिलाएं हैं। वादे के अनुसार नई सरकार अब इन महिलाओं के अकाउंट में हर महीने 1 हजार रुपए देगी। यानी पंजाब सरकार पर करीब 12 हजार करोड़ रुपए का नया बोझ पड़ेगा।
– पंजाब में 70.61 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। ये 9500 करोड़ रुपए बिल अदा कर रहे हैं, जबकि सरकार 14,500 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है। अब यह बढक़र 22 हजार करोड़ होने वाला है क्योंकि 300 यूनिट मुफ्त पर 7800 करोड़ रुपए का नया बोझ होगा।
5 साल में कर्ज की रफ्तार
2020-21 – 2,52,880 करोड़ रूपये कर्ज 18,589 करोड़ ब्याज चुकाया
2019-20 – 2,28,906 करोड़ रूपये कर्ज 17,625 करोड़ ब्याज चुकाया
2018-19 – 2,11,917 करोड़ रूपये कर्ज 16,306 करोड़ ब्याज चुकाया
2017-18 – 1,95,152 करोड़ रूपये कर्ज 15,334 करोड़ ब्याज चुकाया
2016-17 – 1,82,526 करोड़ रूपये कर्ज 11,642 करोड़ ब्याज चुकाया
स्त्रोत – पंजाब वित्त मंत्रालय