अम्बाला आज गुरूद्वारा मंजी साहिब (बाउली साहिब) अम्बाला शहर में सृजना दिवस (बैसाखी) का दिन बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह श्री अखण्ड पाठ के भोग डाले गए। इसके उपरांत रागी-ढाडी जत्थों ने कीर्तन व गुरूओं का इतिहास सुनाकर संगत को निहाल किया। विशेष तौर पर पहुंचे भाई रणधीर सिंह श्री दरबार साहिब अमृतसर से हजूरी रागी जत्थों ने मनोहर कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। जत्थेदार हरपाल सिंह पाली मैम्बर एसजीपीसी ने संगत को बधाई देते हुए बताया कि सन 1699 की बैशाखी वाले दिन साहिब-ए-कमाल दशमेश पिता श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी ने आनन्दपुर साहिब तख्त श्री केशगढ़ साहिब में पांच प्यारों को अमृत की दात देकर सिंह बनाया व खालसा पंथ की स्थापना की व फिर गुरू जी ने एक नई मिसाल कायम करते हुए पंच प्यारों से अमृत अंश कर ली व गोबिन्द राय से गोबिन्द सिंह बने तभी तो भाई नंद हार जी ने कहा है कि ’’वाहो -वाहो गुरू गोबिन्द सिंह आये गुर चेला।’’ अंत में हरपाल सिंह मैम्बर एसजीपीसी ने आए सभी कीर्तन जत्थों व गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान करते हुए धन्यवाद किया। गुरूद्वारा मंजी साहिब में रक्तदान शिविर युवा संगठन अम्बाला द्वारा लगाया गया। जिसकी शुरूआत श्रीपाली व मैनेजर कुलदीप सिंह ने बैच लगाकर कराई। इसी तरह आज सभी गुरूद्वारों में खालसा सृजना दिवस बड़ी उत्साह से मनाया गया। गुरूद्वारा बादशाही बाग गुरूद्वारा पंजोखरा साहिब, गुरूद्वारा लखनौर साहिब, गुरूद्वारा गोबिन्द पुरा आदि में बढ़चढ़ कर मनाया गया। जत्थेदार रणबीर सिंह फौजी, अमरजीत सिंह सुंदर नगर, चरणजीत सिंह टक्कर, रविन्द सिंह सोनू, जगमोहन सिंह, प्रीतम सिंह, कुलवन्त सिंह, सुरिन्द्र सिंह छिंदा, एम.एम. सिंह आदि मौजूद रहे।