? ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ ?
⛅दिनांक 17 अप्रैल 2022
⛅दिन – रविवार
⛅विक्रम संवत – 2079
⛅शक संवत – 1944
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – ग्रीष्म ( गुजरात व महाराष्ट्र में चैत्र मास )
⛅मास – वैशाख
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – प्रतिपदा रात्रि 10:01 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅नक्षत्र – चित्रा सुबह 07:17 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅योग – वज्र रात्रि 11:41 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहुकाल – शाम 05:26 से दोपहर 07:01 तक
⛅सूर्योदय – 06:18
⛅सूर्यास्त – 07:01
⛅दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:47 से 05:33 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 01:01 तक
⛅विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
?ग्रीष्मकालीन समस्याओं व गर्मी से बचने हेतु?
➡️ १] ग्रीष्म ऋतू में खान-पान सुपाच्य हो, थोडा कम हो, पानी पीना अधिक हो और रात्रि को जल्दी शयन करें | भोर (प्रात:काल) में नहा-धो लें ताकि गर्मी निकल जाय | नहाने में मुलतानी मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं |
➡️ २] बायें नथुने से श्वास लें, ६० से ९० सेकंड श्वास अंदर रोककर गुरुमंत्र या भगवन्नाम का मानसिक जप करें और दायें नथुने से धीरे-धीरे छोड़े | ऐसा ३ से ५ बार करें | इससे कैसी भी गर्मी हो, आँखे जलती हों, चिड़चिड़ा स्वभाव हो, फोड़े-फुंसियाँ हो उनमे आराम हो जायेगा | रात को सोते समय थोडा-सा त्रिफला चूर्ण फाँक लेवें |
➡️ ३] गर्मी के दिनों में गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडाइयाँ पीते हैं | बाजारू पेय पदार्थ, ठंडाइयाँ पीने की अपेक्षा नींबू की शिकंजी बहुत अच्छी है | दही सीधा खान स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं हैं, उसमें पानी डाल के छाछ बनाकर जीरा, मिश्री आदि डाल के उपयोग करना हितकारी होता है |
➡️ ४] जिसके शरीर में बहुत गर्मी होती हो, आँखे जलती हो उसको दायी करवट लेकर थोडा सोना चाहिए, इससे शरीर की गर्मी कम हो जायेगी | और जिसका शरीर ठंडा पड जाता हो और ढीला हो उसको बायीं करवट सोना चाहिए, इससे स्फूर्ति आ जायेगी |
➡️ ५] पित्त की तकलीफ है तो पानी-प्रयोग करें (अर्थात रात का रखा हुआ आधा से डेढ़ गिलास पानी सुबह सूर्योदय से पूर्व पिया करें )| दूसरा, आँवले का मुरब्बा लें अथवा आँवला रस व घृतकुमारी रस (Aloe Vera Juice)मिलाकर बना पेय पियें | इससे पित्त-शमन होता है |