छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- कई सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्कूली साक्षरता मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 14 फरवरी- ‘मातृ पितृ पूजन दिवस’ को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने की माँग की। ज्ञापन में बताया कि परम् पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की प्ररेणा से विश्व के 167 देशों में मनाया जाने वाला 14 फरवरी ‘मातृ – पितृ पूजन दिवस’ राष्ट्रीय पर्व घोषित हो । बच्चों , विद्यार्थियों , युवाओं में अच्छे संस्कारों का सिंचन हो इस निमित्त यह आयोजन प्रतिवर्ष वृहद स्तर पर आयोजित किए जातें हैं। जिसमें देश के करोड़ों करोड़ों लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं । हमारी भारतीय संस्कृति में मातृ देवो भवः , पितृ देवो भवः तथा आचार्य देवो भव की महत्ता है । सर्वप्रथम मातृ – पितृ पूजन दिवस की शुरूआत भगवान श्रीगणेश जी ने की थी । श्रीगणेशजी ने उनके स्वयं के माता – पिता की विधिवत पूजा अर्चना कर देवताओं में प्रथम पूज्यनीय होने का आर्शीवाद प्राप्त किया था । पूज्य बापूजी भी ऐसा ही चाहते हैं कि , सम्पूर्ण विश्व के बच्चें भी अपने – अपने माता – पिता का विधिवत पूजन कर भगवान श्रीगणेश जैसा बन जायें । सनातन संस्कृति में माता – पिता को भगवान का दर्जा है । आज सम्पूर्ण विश्व सनातन संस्कृति का अनुशरण कर रही है। सन् 2007 में मातृ – पितृ पूजन दिवस की शुरूआत छिन्दवाड़ा गुरुकुल से हुई थी जो आज विश्व के 167 देशों का पर्व बन गया है। इस ऐतिहासिक सेवा कार्य हेतु अमेरिका राज्य विधान सभा कैलिफोर्निया राज्य ने पूज्य संत श्री आशारामजी बापू को सर्वोच्च सम्मान से पुरूस्कृत किया है । इस आयोजन के सहयोग हेतु हमारे देश के महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , पहले ही आदेशित कर चुकें हैं। बहुत सी राज्य सरकारें तथा देश के 650 जिला केन्द्रों के कलेक्टर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रम हेतु सहयोग करतें हैं। अतः 14 फरवरी मातृ – पितृ पूजन दिवस राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने की मांग की। ज्ञापन देते समय शिक्षाविद विशाल चवुत्रे , आधुनिक चिंतक हरशुल रघुवंशी , कुनबी समाज के युवा नेता अंकित ठाकरे , राष्ट्रीय बजरंग दल के नितेश साहू , कलार समाज के प्रतिष्ठित सुजीत सूर्यवंशी , साहू समाज के ओमप्रकाश साहू , पवार समाज के प्रमुख हेमराज पटले , युवा सेवा संघ के नितिन दोईफोड़े , ओमप्रकाश डहेरिया , आई. टी. सेल के प्रभारी भूपेश पहाड़े , अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच से दर्शना खट्टर, विमल शेरके , सुमन दोईफोड़े , डॉ. मीरा पराडकर , छाया सूर्यवंशी , करुणेश पाल , शकुंतला कराडे , राखी भोजवानी , पूनम मक्कड़ , योगिता पराडकर आदि मुख्य रूप से उपस्थिति थे।