कुरुक्षेत्र के गांव ठसका अली में पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर देश की विभिन्न जेलों में बंद और सजा भुगत चुके बंदी सिखों की रिहाई के लिए मांग को लेकर खुदकुशी करने वाले गुरबख्श सिंह खालसा अंतिम संस्कार छठे दिन रविवार को हुआ। शाम करीब साढे चार बजे काफी खींचतान व प्रशासन की सख्ती के कारण अंतिम संस्कार संभव हो सका। इसके साथ ही पिछले 6 दिन से परेशान पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है। गांव में अभी भी पुलिस बल तैनात है। गुरबख्श सिंह खालसा के पार्थिव शरीर को खालिस्तान के झंडे से ढंका हुआ था।
शनिवार रात को प्रशासन और ठसका अली और मौका पर बैठे हुए सिख समाज के बीच यह निर्णय हुआ था कि रविवार सुबह 10 बजे खालसा का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा, लेकिन खालसा परिवार के बीच में आकर पंजाब के सिख नेता बैठ गए। करीब सवा 9 बजे ठसका अली में माहौल गर्माने लगा फिर पंजाब के जत्थेदार पहुंचने लगे। प्रशासन को अंदेशा हुआ कहीं खेल न बिगड़ जाए इसके बाद पुलिस अलर्ट पर आ गई। पुलिस प्रशासन ने प्रयास किया कि रविवार को हर हाल में संस्कार किया जाए। तनाव को बढते देख पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र अभिषेक गर्ग भारी पुलिस बल के साथ गांव के बाहर पहुंच गए। इसके बाद एक रणनीति के तहत गांव के भीतर से पुलिस बल को हटा दिया गया।
मामले की मैजिस्ट्रेट जांच शुरू
रविवार को विधायक व पूर्व सीपीएस बख्शीश सिंह विर्क ने आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन के आदेश की प्रति सिख नेताओं को दिखाई। इसमें लिखा है कि मरने वाले ने आत्महत्या की है। झांसा व ईस्माईलाबाद दोनों थानों के एसएचओ लाईन हाजिर करके दूसरे जिलों में भेज दिए गए हैं। इसके अलावा मामले की तुरंत मैजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई। हालांकि फिर भी कुछ सिख नेता नहीं माने तो पुलिस सख्ती पर आ गई और गांव की ओर कूच शुरू कर दिया। करीब 4 बजे के बाद पुलिस का दबाव काम आया और गांव ठसका अली व गुरबख्श सिंह खालसा के परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए।
यह माना जा रहा है कि पुलिस प्रशासन ने बड़ा ही सूझबूझ व रणनीति से काम लिया अन्यथा काफी नुकसान हो सकता था। पुलिस ने पंजाब सीमा पर अपनी चौकसी सख्त रखी व हर आने जाने वाले वाहन खासतौर पंजाब नंबर की गाडियों को चेक करके ही गंतव्य की ओर जाने दिया गया। इसके अलावा पहले सड़क मार्ग पर ही घेराबंदी थी बाद खेतों के रास्ते भी गांव को सील कर दिया गया।