आजकल जहां समाज में विवाह के अवसर पर पैसा पानी की तरह खर्च किया जाता है, वहीं संत रामपाल जी महाराज के पैरोकार शिष्य ने न सिर्फ एक ऐसी क्रांतिकारी शुरूआत करके दिखाई जिसमें कम खर्चे पर विवाह आदि के कार्य किए जा रहे हैं। राम कुमार किसाना पुत्र कर्म चंद किसाना गांव सूरापुर तहसील बलाचौर का विवाह सुदेश कुमारी पुत्री हेमराज निवासी गांव ताजोवाल के साथ परमार कालोनी गढ़शंकर में हुआ। इस विवाह के लिए शायद सादगी शब्द की भी नई परिभाषा की जरूरत पड़ेगी।
विवाह में कोई बारात या जलसा नहीं था। लड़के तथा लड़की के दोनों परिवारों को मिलाकर कुल 15-16 लोग विवाह की रस्मों में शामिल हुए। सभी मेहमान साधारण दरियों पर बैठे हुए थे। विवाह की रस्म ठीक 3 बजे संत रामपाल जी महाराज सतलोक आश्रम बरवाला जी की मर्यादा अनुसार महाराज गरीब दास जी की वाणी ‘असुर निकन्दन रमैनी’ के साथ शुरू हुई तथा सिर्फ17 मिनट में यानी 3.17 बजे कार्य संपूर्ण हो गया। इस विवाह का कुल खर्च लगभग 400 रुपए से भी कम था, जो संत रामपाल जी महाराज की ओर से अदा किया गया।