अमृतसर, 30 सितम्बर (प्रेस की ताकत बयूरो) – मच्छर ने ज़िलो में कोहराम मचा दिया है। बुधवार को 20 नये इनफ़ैकटिड रिपोर्ट हुए हैं। ऐसे में अब मरीज़ों की संख्या 510 जा पहुँची है। ज़िलो के सरकारी अस्पतालों के इलावा निजी अस्पतालों में मरीज़ों की संख्या तेज़ी के साथ बढ़ रही है। मरीज़ों का सही संख्या निजी अस्पतालों की तरफ से सेहत विभाग को मुहैया नहीं करवाई जा रही। सिवल सर्जन डा. चरनजीत सिंह अनुसार शकी मरीज़ को गिराते पाज़ेटिव तब ही घोषित किया जा सकता है, जब उस का ऐलायजा टैस्ट किया गया हो। निजी अस्पतालों में ऐलायजा टैस्ट की सुविधा नहीं, वहाँ रैपिड कार्ड टैस्ट किया जाता है। रैपिड टैस्ट को सरकार मान्यता नहीं देती। यदि निजी अस्पतालों में किसी मरीज़ को गिराते पाजेटिव बताया जा रहा है तो उस का ऐलायजा टैस्ट करवाया जाये। यह टैस्ट सिवल हस्पताल और मैडीकल कालेज में मुफ़्त किया जाता।
तहसील बाबा बकाला साहब बीच वाले गाँवों में गिराते का प्रकोप दिन -ब -दिन बढ़ता नज़र आ रहा है और ज़्यादातर महत्वपूर्ण कस्बा रईआ में गिराते के और ज्यादा मरीज़ों के मिलने की पुष्टि हुई है। एक सर्वेक्षण अनुसार गाँवों में गिराते की शुरुआत हो चुकी है, जो अजय तक 15 प्रतिशत तक ही सीमित है परन्तु इस की रोकथाम करना अति ज़रूरी समझा जाता है। कस्बा रईआ और कस्बा बाबा बकाला साहब इन दोनों नगर पंचायतों के अधिकारी इस स्थिति से अनजान नज़र आ रहे हैं, क्योंकि उन की तरफ से अपने क्षेत्र में न कोई दवा का छिड़काव करवाया गया और न ही फौगिंग ही करवाई गई है। यह भी वर्णनयोग्य है कि कस्बा रईआ के निवासी हर साल गिराते की मार बरदाश्त करते आ रहे हैं।
सेहत सहूलतों बारे बातचीत करते सिवल हस्पताल बाबा बकाला साहब के मैडीकल स्पैशलिस्ट डा. साहबजीत सिंह ऐम्म. डी. ने बताया कि उन के पास अब तक बुख़ार के आए मरीज़ों में 20 प्रतिशत से अधिक गिराते के लक्षण डाले गए हैं, जिस प्रति उन्हों ने लोगों को सचेत करते कहा कि घरों में किसी भी तरह का पानी इकट्ठा न होने दिया जाये, इस के इलावा बुख़ार या सरदर्द होने पर सिवल हस्पताल बाबा बकाला साहब में डाक्टर की सलाह के साथ अपने टैस्ट करवाने जिससे इसको ओर बढ़ने से रोका जा सके।