No Result
View All Result
Tuesday, October 14, 2025
No Result
View All Result
  • Login
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • DELHI
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CONTACT US
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • DELHI
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CONTACT US
No Result
View All Result
Ozi News
No Result
View All Result
Home INDIA

हमें अपनी भाषा पर अभिमान नहीं होना चाहिये- डॉ निशा सिंह

Jagdeep Singh by Jagdeep Singh
June 10, 2022
in INDIA
0
हमें अपनी भाषा पर अभिमान नहीं होना चाहिये- डॉ निशा सिंह
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • LinkedIn
  • Copy Link

सुल्तानपुर। राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षा संकाय द्वारा ‘भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020’ बिषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रभारी महेंद्र कुमार, गनपत सहाय पी जी कालेज के प्राचार्य डॉ जायस नाथ मिश्रा , प्राचार्य डॉ डी के त्रिपाठी, उप
प्राचार्य डॉ निशा सिंह, अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र कुमार द्वारा माँ सरस्वती और राणा प्रताप के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा कीर्ति ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। बीएड द्वितीय वर्ष की अंशिका श्रीवास्तव ने आए हुए अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। तदुपरांत बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने संगोष्ठी पर अपना विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 आने के पूर्व शिक्षा नीतियों के निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है। समय-समय पर आजादी के पश्चात विभिन्न आयोगों , समितियों ने शिक्षा के उन्नयन हेतु प्रयास किए। आजादी के पूर्व ब्रिटिश काल में मैकाले नहीं छनाई सिद्धांत द्वारा भारतीय शिक्षा की स्वस्थ परंपरा पर कुठाराघात किया मैकाले का उद्देश्य भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने का था। महाविद्यालय की उप प्राचार्य डॉ निशा सिंह ने कहा कि कहा कि मानव प्रकृति की गोद में प्रकृति से सीखता था अनुशासन से सीखता था आचरण से संस्कृति की अभिव्यक्त होती है। इतिहास के कालखंड में कई बार भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के सुनियोजित प्रयास हुए। हमें अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान अर्जित करना चाहिए जिससे हम विश्व की विभिन्न संस्कृतियों को समझ सकेंगे ।हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें अपनी भाषा पर अभिमान नहीं होना चाहिए , उसे श्रेयस्कर नहीं समझना चाहिए। मुख्य अतिथि महेंद्र कुमार ने संगोष्ठी पर अपना विचार रखते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति अभी संक्रमण काल से गुजर रही है जहां पुराने और नवीन के बीच सामंजस्य बिठाने में तनिक कठिनाई आ रही है लेकिन लेकिन कुछ समय पश्चात इस समस्या से निजात मिल जाएगी।। हमें प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इससे स्वाभाविक विकास होता है ।आज भी रवीना टैगोर के विश्व भारती में शिशु से 12 तक के विद्यार्थियों को उसी गुरुकुल प्रणाली में शिक्षा दी जाती है उनको प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराकर उन पर अन्यत्र दबाव डालने से बचा जाता है, जिससे बालक का स्वाभाविक विकास होता है। हमारी संस्कृति भारत की आत्मा है ,इस आत्मा को हमें मरने नहीं देना चाहिए।हम उस देश के निवासी हैं जिस देश को भारत मां का दर्जा दिया जाता है ।ऐसा करने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश है, भारत के निर्माण में इसके चतुर्दिक विकास में शिक्षकों की महती भूमिका है इस दायित्व का निर्वहन हमें निष्ठा पूर्वक करना ही चाहिए ।आज मूल्य शिक्षा की आवश्यकता पूरा विश्व महसूस करता है और पूरी दुनिया भारत की तरफ अपेक्षा भरी नजरों से देख रही है ।चिंतनीय बात यह है की हमारी संस्कृति में परिवार जैसी महत्वपूर्ण संस्था में गिरावट आ रही है आज हम संयुक्त प्रणाली से एकल प्रणाली की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं । जहां मूल्यों का क्षरण हो रहा है। पहले मूल्य शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हुआ करती थी । आज समाज में अनेकों विसंगतियां दृष्टिगत हो रही हैं हम सब को पुनः इस ओर अविलंब ध्यान देना होगा कि हमारी संस्कृति जिस पर पूरी दुनिया गर्व करती है उसका संरक्षण करके इसको नई पीढ़ी में हस्तांतरित किया जाए । इस में महती भूमिका परिवार और विद्यालयों की है । विद्यालयों में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों से बड़ा संकट उत्पन्न हुआ है। आज सभी डिग्री लेना चाहते हैं पर कक्षाओं में कक्षा नहीं लेना चाहते इससे भी मूल्यों में संकट गहराया है ।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी हमने कितने बलिदानों के पश्चात पाई है हमें भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए आगे आना ही होगा क्योंकि हम विश्व को एक परिवार मानते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डीके त्रिपाठी ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक बड़ी उद्देश्य को लेकर आई है भारत के नव निर्माण का सपना इस शिक्षा नीति में समाहित है। अभी चुनौतियां बढ़ गई हैं लेकिन समय रहते हम इसको पार पा जाएंगे ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से प्राथमिक शिक्षा मात्री भाषा में दी जाए ।बच्चों को राष्ट्रीय संस्कृति से रूबरू कराया जाए जिसमें परिवार और विद्यालयों दोनों का अधिकतम लाभ लिया जा सके इस शिक्षा नीति से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों के सम्मुख भविष्य हेतु विकल्प खुलेंगे। अंत में बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन डॉ संतोष सिंह अंश ने किया ।यहां पर डॉक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ अभय कुमार सिंह ,डॉ महमूद आलम , सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, शांति लता कुमारी, डॉ,आलोक पाण्डेय, डॉ अखिलेश सिंह, डॉ विवेक सिंह, डॉ शशांक शेखर सिंह ,डॉ शिव भोले मिश्रा, संतोष चौरसिया, समर बहादुर सिंह ,रवि सिंह राजेश प्रसाद ,संजय कुमार के साथ के साथ बीएड और महाविद्यालय के अन्य विभागों के सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Post Views: 81
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • LinkedIn
  • Copy Link
Previous Post

मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पूरी शिद्दत से कोशिशें करने के निर्देश

Next Post

समाज व संगठन व पार्टी की रीढ़ की हड्डी होता है युवा वर्ग-चित्रा सरवारा

Next Post
समाज व संगठन व पार्टी की रीढ़ की हड्डी होता है युवा वर्ग-चित्रा सरवारा

समाज व संगठन व पार्टी की रीढ़ की हड्डी होता है युवा वर्ग-चित्रा सरवारा

Ozi News

© 2024 www.ozinews.in - Powered by Ozi Broadcasters Private Limited+91093170-88800

Navigate Site

  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • DELHI
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CONTACT US

Follow Us

No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • DELHI
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CONTACT US

© 2024 www.ozinews.in - Powered by Ozi Broadcasters Private Limited+91093170-88800

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In