मृतसर-पाकिस्तान के चकवाल इलाके में स्थित महाभारत कालीन तीर्थ श्री कटासराज की यात्रा के लिए 160 श्रद्धालुओं का जत्था शुक्रवार रवाना हुआ। यह जत्था 7 दिसंबर को भरत वापिस लौटेगा। माना जाता है कि माता सती के वियोग में भगवान शिव की आंखों से आंसू धरती पर गिरे थे। भगवान शिव के आंसू से कटासराज में यह कुंड बना था। मान्यता है कि इस पवित्र कुंड में नहाने से व्यक्ति को उसके समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।भगवान शिव का यह मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है।मंदिर परिसर से लगा हुआ एक साफ पानी का एक कुंड भी है, जिसमें पानी का रंग दो तरह का है।कम गहराई वाले स्थान में पानी का रंग हरा तथा अधिक गहरे स्थान वाली जगह पर पानी का रंग नीला है।इतिहासकारों की मानें तो यह मंदिर 900 साल पुराना है, जबकि मान्यता है कि हजारों साल पहले इस मंदिर का निर्माण खुद भगवान श्रीकृष्ण ने करवाया था।