01-05-2023 (प्रेस की ताकत)– वैशाख मास के सौभाग्य पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था। पुराणों के अनुसार इस व्रत को विधि-विधान से करने से व्यक्ति मोह-माया से छूटकर परलोक में स्थान प्राप्त करता है।
मोहिनी एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और फलदायी तिथि माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस शुभ तिथि का व्रत करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। उपवास करने वाला व्यक्ति भ्रम से निकलकर मुक्ति की ओर अग्रसर होता है।
पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन किया गया तो अमृत मिलने के बाद देवताओं और राक्षसों में कोहराम मच गया। देवता असुरों को बलपूर्वक पराजित नहीं कर सकते थे, इसलिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और असुरों को अपनी माया के जाल में फँसा लिया और देवताओं को वह सारा अमृत पिला दिया जिससे देवों को अमरता प्राप्त हुई। इसलिए इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।