नयी दिल्ली, 12 अगस्त (ओज़ी न्यूज़ डेस्क): दिल्ली उच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांगों के कोटे के तहत धोखाधड़ी से लाभ लेने के आरोपों का सामना कर रही पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को 21 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) दोनों को खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया, ताकि मामले के संबंध में कानूनी बातचीत शुरू की जा सके। खेडकर के खिलाफ आरोपों में 2022 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारी प्रस्तुत करना शामिल है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने आरक्षण लाभ हासिल करने के लिए किया था. इन घटनाक्रमों के बाद, 31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द करके और भविष्य की परीक्षाओं में उनके भाग लेने पर प्रतिबंध लगाकर निर्णायक कार्रवाई की।