दिल्ली के मंगोलपुरी में न्यू वक़्त क्लब द्वारा रामलीला का आयोजन किया गया।रामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री राजेंद्र शौकीन,उपाध्यक्ष श्री छोटे लाल नरूला डायरेक्टर श्री सतपाल नरूला व सुनील नाथल ने रामलीला की तीसरी रात के बारे मे बताया।
रामलीला मंच पर अयोध्या के राजा दशरथ अपने का बुढ़ापा मानकर श्रीराम को राजतिलक के लिए गुरू वशिष्ठ और मंत्रियों से विचार विमर्श करते हैं। राजा दशरथ श्रीराम के राजतिलक कती घोषणा करते है। कैकेयी की दासी मंथरा को जब यह जानकारी लगती है, वह कैकेई को जाकर सूचना देती है। वह कैकेई को बताती है कि राम के स्थान पर भरत राजा बने। भरत को राजा बनाने के लिए राजा दशरथ से दो वर मांगने के लिए कहती है, जिसमें एक वर में भरत को राजा, दूसरे वर में राम को 14 साल का वनवास हो। मंथरा की सुझाव से कैकेई खुश होजाती है। रानी कैकेयी कोपभवन में चली जाती है। दूसरी ओर श्रीराम के राजतिलक की घोषणा से अयोध्या में जश्न की तैयारियां होती है। राजमहल व अयोध्या की प्रजा उत्साहित होती है। राजा दशरथ कैकेयी के महल में जाते है। वहां केकेई को कोपभवन मे देखकर अचंभित होते हैं। राजा दशरथ कारण पूछते है। राजा दशरथ के बार बार कैकेयी अपने दो वर मांगने को कहती है। कैकेयी एक वर में भरत को राजा दूसरे वर में राम को चौदह साल का वनवास मांगती है। राजा दशरथ भरत को राजा बनाने पर सहमत है, मगर दूूसरे वर में श्रीराम को 14 साल का वनवास पर सहमत नही होते है। रानी कैकेयी की नाराजगी बढ़ जाती है। राजा दशरथ चिंतित होते है। रानी कैकेयी राजा दशरथ को वरदान देने के लिए मजबूर करती है। सुबह होने पर राम कैके यी के भवन में आते हैं। वे राजा दशरथ की दशा के बारे में पूछते हैं। रानी कैकेयी वरदान के बारे में बताती हैं।
राम वन जाने को तैयार हो जाते हैं। सीता और लक्ष्मण भी वन जाने को तैयार हो जाते हैं। राम का शानदार अभिनय किया जिससे दर्शक काफी भावुक हुए।मंगोलपुरी (दिल्ली) से शिव चरण भाना की रिपोर्ट