कतर की एक अदालत ने जासूसी के एक कथित मामले में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को सुनायी गयी मौत की सजा को कम कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
कतर की अपीलीय अदालत के इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। कुछ हफ्ते पहले ही दुबई में ‘सीओपी28’ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात की थी। एक दिसंबर को हुई मुलाकात के बाद, मोदी ने कहा था कि उन्होंने कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा की।
नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्तूबर में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी। सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित ‘दहारा ग्लोबल’ कंपनी के कर्मचारी थे। इन 8 पूर्व नौसैनिकों में कैप्टन नवतेज गिल भी शामिल हैं। उन्हें राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था जब उन्होंने नौसेना अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। इन पूर्व नौसैनिकों में कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, एस पकाला और नाविक रागेश शामिल हैं।