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पंजाब और दिल्ली की सरकारों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता सहीबद्ध

admin by admin
April 26, 2022
in BREAKING, HARYANA, INDIA, POLITICS, PUNJAB, WORLD
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पंजाब और दिल्ली की सरकारों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता सहीबद्ध
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*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

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*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

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*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

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स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

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*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

*  मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने समझौते को मिसाली कदम बताया

*  समझौते का उद्देश्य दोनों सरकारों की तरफ से ज्ञान, तजुर्बा और महारत आपस में सांझा करना

*  भगवंत मान की तरफ से दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान

*  यदि अपने राज्य की ख़ातिर हमें अन्य राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जाएंगे

नई दिल्ली, 26 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की कायाकल्प करने के लिए निवेकली पहलकदमी करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली में उनके समकक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए समझौता (नोलेज शेयरिंग एग्रीमेंट) सहीबद्ध किया।

यह समझौता सहीबन्द करने के मौके पर हुई प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सांझे तौर पर इस समझौते को अनोखी किस्म की पहल बताते हुए दोनों राज्यों के लोगों के कल्याण और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए रचनात्मक और मिसाली कदम करार दिया।

इस समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों की तरफ से जन कन्याण के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। यह समझौता दोनों सरकारों को ज्ञान, तजुर्बा और अनुभव आपस में सांझा करने के योग्य बनाऐगा। इसके अंतर्गत दोनों सरकारें लोगों के कल्याण के लिए जानकारी हासिल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को एक-दूसरे के राज्यों में भेजा करेंगी।

राज्य में दिल्ली मॉडल के आधार पर 117 सरकारी स्कूल और 117 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का ऐलान करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआती तौर पर राज्य के 117 विधान सभा हलकों में एक-एक सरकारी स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी जिससे लोगों को उच्च स्तर की शिक्षा और मानक स्वास्थ्य सेवाएं हासिल हो सकें।

इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर का मॉडल लागू किया है और पंजाब सरकार इस मॉडल को अपने राज्य में लागू करने के लिए यह समझौता करने में ख़ुशी महसूस करती है।

यह समझौते करने की भावना का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘मानव का समूचा जीवन एक विद्यार्थी की तरह होना चाहिए और जहाँ से भी जो कुछ अच्छा सीखने को मिले, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। इसी सोच को लेकर हमने यह समझौता दिल्ली सरकार के साथ किया है। हम यहाँ ही नहीं रुकेंगे, यदि हमें अपने राज्य की ख़ातिर बाकी राज्यों या अन्य देशों में भी जाना पड़ा तो ज़रूर जायेंगे।’’

विरोधी पक्ष की तरफ से इस समझौते को दिल्ली सरकार की दखलअन्दाज़ी होने का लगाऐ जा रहे दोष संबंधी पूछे जाने पर भगवंत मान ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी बिना किसी आधार से सिर्फ़ आलोचना करने के लिए ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। यह एकतरफ़ा समझौता नहीं बल्कि यह समझौता सही मायनों में दोनों राज्यों की तरफ से ज्ञान के आपसी आदान -प्रदान करने का ज़रिया है जिससे पंजाब, दिल्ली से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लागू किये जन समर्थकीय मॉडलों को अपनाएगा जबकि दिल्ली, पंजाब से कृषि जैसे क्षेत्रों में किये गए विशाल तजुर्बो का लाभ ले सकता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने अध्यापकों को फिनलैंड, कैंब्रिज और अन्य अलग-अलग स्थानों पर शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीकें और हुनर सीखने के लिए भेजा था जिसका लाभ दिल्ली के बच्चों को हो रहा है।

पंजाब के शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा स्थिति की बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों की इमारतों को रंग करके स्मार्ट स्कूल का नाम देकर पंजाबियों के साथ सरासर धोखा किया क्योंकि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा क्षेत्र के लिए होता है जबकि पंजाब में यह बजट केवल 2प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 19000 सरकारी स्कूलों में जहाँ 23 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने की सख़्त ज़रूरत है और हम दिल्ली मॉडल के आधार पर यह ढांचा और अन्य सहूलतें देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा लड़खड़ाया हुआ है क्योंकि हमारे पास अच्छे डाक्टर और अन्य पैरा-मैडीकल स्टाफ तो है परन्तु अपेक्षित ढांचा नहीं है। उन्होंने संसद मैंबर के तौर पर अपना तजुर्बा सांझा करते हुआ कहा, ‘‘मैं अपने संसदीय कोटे के फंड में से स्वास्थ्य विभाग को वातानुकूलित एंबुलेंस देना चाहता था परन्तु मुझे इस कारण न कर दी गई कि इसको चलाने के लिए उनके पास स्टाफ नहीं है।’’

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार कृषि को लाभदायक बनाने के लिए जल्दी ही  कृषि क्षेत्र के लिए फ़सली विभिन्नता समेत नयी नीतियाँ और प्रोग्राम तैयार कर रही है जिससे किसी भी किसान को खुदकुशी जैसा कदम न उठाना पड़े।

पंजाब को फिर रंगला पंजाब बनाने को वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के मिशन में हम अकेले नहीं हैं बल्कि दुनिया भर में बैठा हरेक पंजाबी हमारा साथ देने के लिए तत्पर है क्योंकि उनको हम पर दृढ़ भरोसा है कि अब किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा कि अब हरेक प्रवासी पंजाबी अपनी मातृ भूमि के लिए योगदान डालने के लिए तैयार है और अपने गाँव, स्कूल या अस्पताल को अपनाने के संदेश हमारे तक पहुँचाये जा रहे हैं।

नशों की रोकथाम संबंधी पूछे सवाल के जवाब में भगवंत मान ने कहा कि नशों के क्षेत्र में तीन परती रणनीति तैयार की जा रही है जिससे नशे के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे से ग्रसित लोगों को उपयुक्त इलाज भी मुहैया करवाया जा सके।

इस मौके पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला, पंजाब के शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेअर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतीन्द्र जैन, राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा के इलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार समेत दोनों राज्यों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

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Tags: agreement signed between the Punjab and Delhi government envisagesBHAGWANT MANN ANNOUNCES TO OPEN ONE GOVERNMENT SCHOOL AND MOHALLA CLINIC EACH IN ALL 117 ASSEMBLY SEGMENTS ON DELHI MODELKnowledge Sharing Agreement (KSA) with his Delhi counterpart Arvind KejriwalPUNJAB GOVERNMENT INKS KNOWLEDGE SHARING AGREEMENT WITH DELHI GOVERNMENT
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