संकट की इस घड़ी में हम विजई होकर निकलेंगेे:
किसानों के लिए लड़ते रहेंगे, लोगों की सेवा में जुटे रहेंगे और पंजाब की शान और अधिक बढ़ाने के लिए यत्न करते रहेंगे:
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी को बधाई देता हूँ। हालाँकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि ऐसा सौभाग्यशाली समय उस मौके पर आया, जब हम कई संकटों का सामना कर रहे हैं। परन्तु इसके साथ ही उस राष्ट्रीय भावना को देख कर खुशी होती है जो हमें हमारे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए हमेशा ही प्रेरित करती रही है, जिन्होंने अपने महान बलिदानों से हमें ऐसा राष्ट्र सौंपा जहाँ हम आज़ाद फिज़ा में रह सकते हैं। इस अवसर पर मैं ऐसे अनेकों जाने-पहचाने और गुमनाम नायकों की बहादुरी एवं बलिदानों का सम्मान करता हुआ यह वादा भी करता हूँ कि मेरी सरकार द्वारा जल्द ही ऐसे नायकों की याद में एक यादगार का निर्माण किया जाएगा, जोकि गुमनामी में ही ख़ासकर अंडमान सेलुलर जेल में शहादतें पा गए। इस यादगारी दिन के अवसर पर मैं हमारे समूह बहादुर सैनिकों को भी सलाम करता हूँ जोकि सरहदों पर पहरा देकर, कई बार तो अपनी जान की कीमत पर भी भारत की क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा करते हैं। एक देश के तौर पर हम सदा ही ऐसे हरेक सैनिक के ऋणी रहेंगे।
हम सभी के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। कोविड की महामारी ने कई तरह से प्रभावित किया है। इस महामारी के कारण बहुत से लोगों की जान चली गई या कईयों ने अपने चाहने वालों को गंवा दिया, बहुत से लोगों ने अपना रोजग़ार गंवा दिया या बेघर हो गए और बहुत से अभी भी इस बीमारी से स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव से उभरने के लिए जूझ रहे हैं। पंजाब ने भी इस महामारी का दुखांत को सहा है। परन्तु हमारे फ्रंटलाइन योद्धा हमें सुरक्षित रखने के लिए समर्पित होकर काम करते रहे हैं, नहीं तो स्थिति और भी भयानक हो सकती थी। अगली कतार के योद्धाओं और उनके परिवारों का मैं अपनी सरकार और पंजाब के हरेक नागरिक का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।
मैं उम्मीद करता हुआ यह कामना करता हूँ कि हम इस संकट से जल्द ही उभरेंगे। इस अवसर पर मैं आप सभी से अपील करना चाहता हूँ कि जल्द से जल्द कोविड से बचाव के टीके लगवाकर महामारी के खि़लाफ़ लड़ाई में आप भी अपना योगदान दें।
हम अपनी तरफ से कोविड के कारण रोज़ी-रोटी कमाने वाले सदस्य को गंवा चुके 578 परिवारों और महामारी के कारण अनाथ हुए 33 बच्चों को मदद मुहैया करवा दी है। एक जुलाई, 2021 से मेरी सरकार ने इन सभी को 1500 रुपए महीनावार सामाजिक सुरक्षा पैंशन के साथ-साथ आशीर्वाद स्कीम के अधीन 51,000 रुपए के लिए योग्य होने के दायरे अधीन लाया है। इसके अलावा इनको मुफ़्त राशन प्रदान करने के लिए ‘सरबत सेहत बीमा योजना’ अधीन लाया जा चुका है। हम प्रभावित हुए पारिवारिक सदस्यों को ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार’ मिशन के अंतर्गत रोजग़ार मुहैया करवाने में भी सहायता कर रहे हैं। हम इन लोगों को इस अभूतपूर्व संकट में से मज़बूती से उभरने के लिए सहायता करने के लिए और कदम भी तलाशने जारी रखेंगे।
आज के दिन को जैसे हम गुलामी से आज़ादी पाने के यादगारी दिन को मनाते हैं, इस अवसर पर मैं आपके साथ उन हज़ारों किसानों को याद करना चाहता हूँ जो एक ओर सरहद पर एक अलग तरीके की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे ‘अन्नदाता’ जिन्होंने हमें भोजन के पक्ष से आज़ादी दिलाई, अब आए दिन आज़ाद भारत में अपने बनते हक लेने के लिए जद्दो-जहद करते हुए मौत के मुँह में जा रहे हैं।
केंद्र के काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ संघर्ष करते हुए किसानों ने 26 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच किया था और उस समय से लेकर दिल्ली की सरहदों पर चल रहे इस आंदोलन में अब तक लगभग 237 किसान की मौत हो चुकी है। इन किसानों के परिवारों पर मानसिक और भावानात्मक रूप से पड़े घाटे को पूरा नहीं किया जा सकता। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इन कानूनों के द्वारा हमारे किसानों पर जो कुछ भी थोपने की कोशिश की है, यह भी गुलामी की एक और अलग भिन्नता है। यह एक पक्ष (सत्ता पार्टी) द्वारा भारतियों (किसानों) की एक श्रेणी को गुलाम बनाने की ही किस्म है। हम अपने किसानों के साथ खड़े हैं और उनकी लड़ाई को निष्कर्ष तक पहुँचाने के लिए उनकी सहायता करना जारी रखेंगे। मेरी सरकार ने इस संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके किसानों के परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया करवाने का प्रयास किया और इनमें से 191 परिवारों को 9.46 करोड़ रुपए का मुआवज़ा दिया जा चुका है। हमने मृत हुए किसानों के योग्य पारिवारिक सदस्य को नौकरी देने का फ़ैसला किया है।
हम संकट में डूबे किसानों, कृषि कामगारों और भूमि रहित किसानों की मुश्किलों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरी सरकार ने ‘फ़सलीय कजऱ् माफी स्कीम’ के अंतर्गत 5.64 लाख किसानों को 4624 करोड़ रुपए की राहत मुहैया करवाने के बाद अब कृषि कामगारों और भूमि रहित किसानों के कजऱ् माफ करने की प्रक्रिया आरंभ दी है, जिसके अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं के 2,85,325 सदस्यों को 24-24 हज़ार रुपए की कजऱ् राहत मिलेगी। इसके साथ ही इनको 520 करोड़ रुपए के कजऱ् से राहत मिलेगी, जिसकी शुरुआत 20 अगस्त से होगी।
मुझे इस बात की खुशी है कि राज्य में कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए हमारे निवेश से सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। अप्रैल, 2017 से लेकर अब तक अनाज की सरकारी खरीद से किसानों को 2.42 लाख करोड़ की कमाई हुई है, जिसके साथ पिछली सरकार के इन 9 खरीद सीजऩों में हुई कमाई की अपेक्षा 82,094 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही मार्च, 2017 में मेरी सरकार के सत्ता में आने से लेकर किसानों की आमदन में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह केंद्र द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदन को दोगुनी करने के किए वादे के बिल्कुल उलट है, जो भाजपा के खोखले वादे और मुल्क के किसान भाईचारे के प्रति उदासीनता भरे रवैए को दिखाता है।
वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य द्वारा उत्पादन और खरीद के रिकॉर्ड हमारे यत्नों के नतीजों की गवाही देते हैं। धान के औसतन 6631 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपज के रिकॉर्ड ने नई ऊचाईयाँ छूईं और 31.49 लाख हेक्टेयर में 208.82 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है। धान की खरीद ने 203.10 लाख मीटिक टन के रिकॉर्ड को भी हासिल किया और केंद्रीय भंडार में 24.70 प्रतिशत योगदान दिया। इस समय के दौरान केंद्रीय हिस्से में गेहूँ की खरीद 30.48 प्रतिशत तक पहुँची, जिसने मध्य प्रदेश को पछाड़ दिया, जिसका केंद्रीय भंडार में 29.58 प्रतिशत योगदान था। पंजाब ने मध्य प्रदेश के 128.16 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 132.10 लाख मीट्रिक टन का योगदान दिया।
हम पंजाब को पराली जलाने से मुक्त राज्य बनाने के लिए किसानों को सहयोग देने के लिए अपनी जि़म्मेदारी से भी भली-भांति अवगत हैं और मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान 250 करोड़ रुपए की सब्सिडी पर धान के अवशेष के प्रबंधन के लिए 25000 से अधिक कृषि मशीनों/कृषि उपकरण मुहैया करवाने के लिए व्यापक मुहिम चला रहे हैं। पिछले तीन सालों में भी किसानों को बलेर समेत 76,622 कृषि मशीने दी गईं हैं। किसानों के प्रति हमारी स्पष्ट और दृढ़ वचनबद्धता है।
इसके साथ ही हम समाज के अन्य वर्गों के साथ किए गए अपने वादों को भी आँखों से औझल नहीं किया, जैसे कि हमारे 2017 के चुनावी मनोरथ पत्र में इसके प्रति प्रतिबद्धता ज़ाहिर की गई थी। इन वादों में से 93 प्रतिशत पहले ही लागू कर दिए जाने (यह संख्या 95 प्रतिशत तक पहुँचने की उम्मीद है) से हम आंध्र प्रदेश की चंद्र बाबू नायडू सरकार का रिकॉर्ड भी तोड़ा है, जिसने अपने चुनावी वादों में से 83 प्रतिशत पूरे कर दिए थे। जो 5 प्रतिशत वादे पूरे होने से रह गए हैं, उनका मुख्य कारण जी.एस.टी. निज़ाम का लागू होना है जोकि 2017 में हमारे चुनावी मनोरथ पत्र के तैयार किए जाने के समय अस्तित्व में नहीं था।
हमारे द्वारा पूरे किए गए सबसे महत्वपूर्ण वादों पर प्रकाश डालने से पहले मैं टोक्यो ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाडिय़ों की शानदार कामयाबी का विशेष तौर पर जि़क्र करना चाहूँगा। इन्होंने हमारे देश और राज्य का नाम ऊँचा किया है और मैं उन सभी को बधाई देता हूँ। जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत सके उनको मैं यह कहना चाहूँगा कि आपने डटकर मुकाबला किया और अपने देश का गौरव बढ़ाया।
मेरी सरकार की कुछ अहम उपलब्धियों का जि़क्र करते हुए मैं सामाजिक कल्याण के एजंडे से शुरुआत करूँगा, जोकि हम सभी के लिए बड़ी प्राथमिकता है। बुज़ुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों, विधवाओं और बेसहारा महिलाओं की पैंशनें दोगुनी करने के बाद हम अब सामाजिक सुरक्षा महीनावार पैंशन 1 जुलाई, 2021 से 750 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी है। इससे 26,21,201 लाभार्थियों को फ़ायदा होगा और इसके लिए बजट में 4000 करोड़ रुपए का उपबंध किया गया है। आशीर्वाद स्कीम के अधीन वित्तीय मदद को भी 21,000 रुपए से बढ़ाकर प्रति लाभार्थी 51,000 रुपए कर दिया गया है और यह लाभ 1 जुलाई, 2021 से अमल में आ चुका है।
महिला सशक्तिकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने उनके लिए सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण मुहैया किया है और इसके अलावा पंचायतों और म्यूंसिपल इकाईयों के चुनावों में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ़्त यात्रा की सुविधा ने उनके लिए यात्रा को अधिक भरोसे योग्य और सुरक्षित बना दिया है।
हमारी निवेशक समर्थकीय औद्योगिक नीति और आकर्षक रियायतों ने पंजाब को निवेश के लिए अग्रणी स्थान के तौर पर उभारा है और इसमें ‘इनवैस्ट पंजाब’ ने अग्रणी भूमिका निभा कर निवेश आसान बनाने के लिए इकलौते स्थान के तौर पर उभरने का गर्व हासिल करते हुए राज्य में बीते चार वर्षों के दौरान महामारी के समय समेत 2900 प्रोजैक्ट प्रस्तावों के द्वारा 91,000 करोड़ रुपए का निवेश लाया है। इनमें से 50 प्रतिशत से ज़्यादा के सम्बन्ध में व्यापारिक उत्पादन शुरू भी हो चुका है। हमारी बेहद अहम रोजग़ार सृजन स्कीम ‘घर-घर रोजग़ार’ ने 17.61 लाख नौजवानों को सरकारी और निजी क्षेत्रों के अलावा स्व-रोजग़ार स्थापित करने में मदद की है। इसके अलावा मौजूदा समय में सरकारी क्षेत्र में 61,336 और नौकरियों सम्बन्धी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। रोजग़ार सृजन मेरी सरकार के अहम वादों में से एक था और हम महामारी के इस आपातकालीन समय के दौरान भी इस सम्बन्धी पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था और नशों का ख़ात्मा ऐसे अन्य क्षेत्र हैं जिनमें हम बड़े कदम उठा रहे हैं और ड्रग माफिया और अपराधियों/गैंग्स्टरों की कमर तोड़ते हुए राज्य को रहने के लिए बहुत ही सुरक्षित स्थान बनाया है। सरहद पार से दहशतगर्दी की गतिविधियों पर ख़ासकर ड्रोनों के इस्तेमाल और इनके द्वारा हथियारों और नशे की तस्करी के मद्देनजऱ हमारी ओर से कड़ी निगाह रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में प्राप्त की गईं सफलताओं का जि़क्र किया जाए तो पंजाब पुलिस ने 1 अप्रैल, 2017 से लेकर अब तक एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 47,256 एफ.आई.आरज़ दर्ज करके 61,401 व्यक्तियों को नशे की तस्करी के लिए गिरफ़्तार किया है और इनकी सम्पत्तियां ज़ब्त करने के अलावा बड़ी संख्या में नशे और इनके द्वारा कमाई गई रकम भी ज़ब्त की है।
जब से हमारी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से लेकर अब तक आपराधिक मामलों में भी कमी साफ़ नजऱ आती है। विभिन्न आपराधिक गुटों के 3218 गैंगस्टर/मैंबर गिरफ़्तार या हलाक कर दिए गए हैं। इनमें 484 श्रेणीबद्ध गैंगस्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा 46 दहशतगर्दी के गिरोहों को भी तबाह किया गया है और 289 दहशतगर्दों को गिरफ़्तार करते हुए 10 ड्रोन कब्ज़े में लिए गए हैं। इसके अलावा 2400 नाजायज़ हथियार और 40 हथगोले भी कब्ज़े में किए गए हैं।
मुझे यह बात साझा करते हुए भी बेहद खुशी हो रही है कि पंजाब को भारत सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा के लिए चालू वर्ष 2019-20 के ‘परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडैक्स’ में चोटी का स्थान दिया गया है। मैं इस शानदार उपलब्धि पर स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई देता हूँ। उनके ओर से की गई शानदार कोशिशों और पहलकदमियों के स्वरूप राज्य में सरकारी स्कूल शिक्षा को बहुत बढ़ावा मिला है और आखिरी चार वर्षों में तो 5.6 लाख विद्यार्थियों ने निजी स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूलों में दाखि़ला लिया है और इसके साथ ही दाखि़ला दर भी 29 प्रतिशत बढ़ी है। स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों ही मेरी सरकार की प्राथमिकता रही हैं, क्योंकि निजी तौर पर मेरा यह मानना है कि हमारे लोगों की तरक्की सुनिश्चित बनाने का सर्वोत्तम रास्ता शिक्षा ही है।
एक और प्राथमिक क्षेत्र जिसमें हम लगातार निवेश कर रहे हैं वह है स्वास्थ्य क्षेत्र। महामारी को देखते हुए हमने एस.ए.एस. नगर में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी स्थापित करने का भी फ़ैसला किया है जिस सम्बन्धी चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एन.आई.वी.) के दरमियान एक एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा न्यू चण्डीगढ़ के मैडीसिटी में इस सम्बन्धी मुफ़्त ज़मीन भी पहले ही मुहैया करवाई जा चुकी है।
मेरी सरकार का एक और अहम वादा नागरिक केंद्रित सुविधाओं में और अधिक पारदर्शिता और तेज़ी लाना था। इसलिए हम 332 सरकारी सेवाएं देने हेतु 516 सेवा केंद्र (246 शहरी और 270 ग्रामीण क्षेत्रों में) स्थापित किए हैं। इनमें प्रतिदिन 60 हज़ार लोग विभिन्न सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। ‘डिजिटल पंजाब’ सुनिश्चित बनाने के लिए उठाए गए एक अलग कदम के अंतर्गत एक राज्य स्तरीय एकीकृत हेल्पलाइन ‘1100’ भी शुरू की गई है जोकि ग़ैर-आपात सेवाओं सम्बन्धी है।
इन पहलकदमियों के स्वरूप हमने एक प्रगतिशील पंजाब की नींव रखी है, जिसको हम देश का चोटी का राज्य बनाने की अथक प्रयास कर रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम श्री गुरु नानक देव जी, जिनके 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित समागमों का हिस्सा बनने का मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ, के आशीर्वाद के स्वरूप अपने प्रयासों में कामयाब होंगे। मौजूदा समय में श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित साल भर चलने वाले समागम करवाए जा रहे हैं और मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूँ कि इस ऐतिहासिक अवसर का भी हिस्सा बनने का सौभाग्य मुझे भी हासिल हुआ है।
गुरू साहिबान की कृपा और आपके निरंतर सहयोग के स्वरूप मैं अपने लोगों की सेवा में समर्पित रहूँगा और पंजाब को और ज्यादा विकास एवं तरक्की की रास्ते पर ले जाऊँगा। मेरा दृढ़ निश्चय है कि हम एकजुट होकर सभी चुनौतियों पर जीत प्राप्त कर लेंगे।
जय हिंद