चंडीगढ़, 20 फरवरी- 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में गोवा के पर्यटन विकास निगम के तत्वावधान में गुरुवार को गोवा-डे मनाया गया। मुख्य चौपाल पर गोवा के कलाकारों ने लैंप डांस की सामूहिक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। गोवा पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक ग्रेविन डायस ने गोवा की कला एवं संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत के मार्गदर्शन और पर्यटन और आईटी मंत्री रोहन खाउंटे के गतिशील नेतृत्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं।
महाप्रबंधक ने अपने संबोधन में हरियाणा सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के भव्य आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत के बलबूते दुनिया में अपनी पहचान कायम किए है ठीक उसी अनुरूप गोवा भी पर्यटन, कला और संस्कृति के साथ अपना प्रभुत्व कायम किए है। उन्होंने कहा कि गोवा पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ के साथ समुदाय-केंद्रित पर्यटन प्रथाओं का प्रतीक हैं। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने और इसके पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के प्रयास किए जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाली पीढिय़ां इसके पवित्र आकर्षण का अनुभव करना जारी रख सकें।
महाप्रबंधक ग्रेविन डायस ने कहा कि विदेशी और घरेलू पर्यटकों के बीच जहां आज सूरजकुंड का यह भव्य मेला दुनिया के आकर्षण का केंद्र बिंदु बना है वहीं गोवा की प्राचीन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक और क्रांतिकारी पहल, सरकार ने एकादश तीर्थ या परिवर्तन के ग्यारह स्थान शुरू किए हैं, जो गोवा में परिवर्तनकारी आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने वाले पूजा स्थलों को दर्शाते हैं। उन्होंने गोवा डे के उपलक्ष्य में गोवा वासियों सहित पूरे देश को शुभकामनाएं देते हुए गोवा का भ्रमण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पर्यटन एवं विरासत मंत्री डा.अरविंद कुमार शर्मा, पर्यटन निगम की प्रधान सचिव एवं मेला प्राधिकरण की वाइस चेयरपर्सन कला रामचंद्रन व निगम के प्रबंध निदेशक डा. सुनील कुमार और उनकी टीम को सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में गोवा पर्यटन को दिए गए सभी सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डा. सुनील कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी कलाकारों, शिल्पकार व बुनकरों का हरियाणा राज्य की तरफ से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी तक चलने वाले सूरजकुंड मेला में दिन प्रतिदिन पर्यटकों का रिस्पांस बढ़ता जा रहा है। विदेशी मेहमान इस मेले को ग्लोबल प्लेटफार्म पर लेकर जा रहे हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय मेले में 44 देश और 600 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कारीगर 1200 से अधिक स्टॉल के साथ भाग ले रहे हैं, जिससे यह वास्तव में दुनिया की सबसे बड़ी कला और शिल्प प्रदर्शनियों में से एक बन गई है। उन्होंने कहा कि गोवा को दो बार भागीदार/थीम राज्य बनने का सम्मान मिला है, पहली बार 2001 में और दूसरी बार 2014 में बना है।
सांस्कृतिक मंच से गोवा की पारंपरिक डैफ, कोली और फुगड़ी नृत्य प्रस्तुतियों ने मेले में उपस्थित दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इसके अलावा, गोवा के विशेष व्यंजनों को भी मेले में प्रदर्शित किया गया, जिससे लोग गोवा के स्वादिष्ट खान-पान का भी आनंद ले सके।
इस अवसर पर सिंगापुर, मलेशिया, विदेश मंत्रालय के अधिकारीगण, गोवा पर्यटन विकास निगम के उपनिदेशक धीरज वागले, हरियाणा पर्यटन निगम के एजीएम हरविंद्र सिंह, एजीएम राजपाल सिंह, प्रबंधक सुनील शर्मा सहित गोवा और हरियाणा पर्यटन निगम के अधिकारीगण व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।