चंडीगढ़, 27-04-2023 (प्रेस की ताकत)- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भविष्य में स्थापित होने वाले सभी नए उद्योगों में नई और आधुनिक तकनीक से लैस जल शोधन प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। राज्य में ऊपर। हमारा प्रयास होगा कि आईएमटी सोहना, एटीएम खरखौदा और ड्रीम प्रोजेक्ट ग्लोबल मिस्टी जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की ओर बढ़े और वहां के पानी को दोबारा इस्तेमाल किया जा सके।
डिप्टी सीएम आज अमृत जल क्रांति के तहत आयोजित जल गोष्ठी के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से सीवेज और बारिश के पानी की निकासी के लिए बनाए गए पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर को अपडेट करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से पुरानी रोहतक शहर के औद्योगिक क्षेत्र की सीवरेज व्यवस्था को नई तकनीक के माध्यम से प्रायोगिक आधार पर ठीक करने का आग्रह किया ताकि पानी का पुन: उपयोग किया जा सके।
उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर जिले में मृत बोरवेल को पुनर्जीवित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक का भी जिक्र किया। उन्होंने राज्य के विशेषज्ञों को फरीदाबाद में डेड-बोरवेल की मरम्मत की परियोजना को पूरे राज्य में लागू करने की दिशा में काम करने का सुझाव दिया. उन्होंने राज्य में प्राकृतिक झीलों के निर्माण पर चर्चा की और कहा कि राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण के क्षेत्र में कम से कम एक पायलट प्रोजेक्ट स्थापित किया जाना चाहिए ताकि उनके परिणामों के आधार पर लोगों को प्रेरित किया जा सके।
उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में पहली बार इस तरह की संगोष्ठी आयोजित करने के लिए अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण की स्थिति को देखते हुए भविष्य के लिए सड़कों और बिजली से ज्यादा जल संरक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल उपचार और जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही है।
उन्होंने जल ही जीवन है के नारे का उदाहरण देते हुए कहा कि पानी के व्यापक प्रबंधन के अभाव में जल संकट शुरू हो गया है, शहरों को टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है. उन्होंने सिंगापुर, कोरिया और यूएई जैसे देशों के बेहतरीन जल प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस जल संगोष्ठी से अच्छी सीख मिलेगी और फिर हरियाणा जल प्रबंधन में अपना विजन तैयार कर रोल मॉडल बनकर उभरेगा.