कपूरथला 6 अक्टूबर 2025
सीनियर कांग्रेस नेता और कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने आज किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए क्षेत्र में मक्का की खरीद शुरू करने की घोषणा की।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बरसाती मक्का की खरीद उस वादे के अनुसार शुरू की जा रही है, जो इस वर्ष की शुरुआत में मक्का की बुवाई के समय किया गया था, जब हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की फसल बोई गई थी।
उन्होंने कहा, “मैंने किसानों को भरोसा दिलाया था कि मक्का की खरीद फसल कटाई के समय सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा,आज मैं वह वादा पूरा करने आया हूँ। हम किसानों द्वारा उगाए गए हर एक दाने की खरीद करेंगे और यह खरीद पंजाब सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2400 प्रति क्विंटल पर की जाएगी।”
पत्रकारों के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वरिष्ठ विधायक ने कहा कि वह किसानों और पंजाब सरकार – दोनों को नई दिशा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब को ऐसी नेतृत्व की आवश्यकता है जो केवल आज के किसानों का ही नहीं बल्कि किसानों के भविष्य का भी ध्यान रखे।
राणा गुरजीत सिंह ने हाल ही में पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस समय केवल 50 से 54 प्रतिशत नहरी पानी का ही उपयोग हो रहा है, जबकि इसकी क्षमता 74 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा, “मैं मानसूनी मक्का की खेती का समर्थक हूँ, लेकिन यदि नहरी पानी व्यर्थ जा रहा है, तो वसंत ऋतु (स्प्रिंग) मक्का एक अधिक टिकाऊ और लाभदायक विकल्प है।”
उन्होंने मक्का के आर्थिक लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मक्का किसानों को गेहूँ की तुलना में 2 से 2.5 गुना अधिक लाभ देता है।
उन्होंने कहा कि मैं लगातार यह मुद्दा उठा रहा हूँ कि नहरी पानी, जिसे ऐसी फसलों के लिए उपयोग किया जा सकता है, का पूरा लाभ नहीं उठाया जा रहा है।”
राणा गुरजीत सिंह ने पंजाब में घटती धान (चावल) की पैदावार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “इस सीजन में कम से कम 25 प्रतिशत धान ‘लूज़ स्मट’ (रोग) से प्रभावित हुआ है, जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी फसली नीति पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है।” उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर लोधी के विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह ने यह मामला विधानसभा में उठाया है और आशा जताई कि पंजाब सरकार किसानों की सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
उन्होंने पंजाब में तेजी से गिरते भूजल स्तर की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “केंद्रीय भूजल बोर्ड ने चेतावनी दी है कि यदि भूजल का पुनर्भरण (रीचार्ज) नहीं किया गया, तो अगले 25 वर्षों में पंजाब रेगिस्तान में बदल सकता है। कुछ क्षेत्रों में पानी का स्तर 500 फीट तक नीचे चला गया है।”
राणा गुरजीत सिंह ने सुझाव दिया कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू के कैचमेंट क्षेत्रों से आने वाले अतिरिक्त बाढ़ के पानी का उपयोग भूजल पुनर्भरण के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बाढ़ का पानी एक कीमती संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए। मानसून के दौरान इन क्षेत्रों से बाँधों में बहने वाले अतिरिक्त पानी को हमारे भूजल भंडारों को पुनः भरने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी मांग की कि देश और विदेश के प्रमुख वैज्ञानिकों की एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाए जो सैटेलाइट मैपिंग और बाढ़ पैटर्न का विश्लेषण करे। उन्होंने कहा, “हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कितना पानी किस क्षेत्र से आ रहा है, कौन सा इलाका प्रभावित हुआ है और इस जल का प्रबंधन व नियंत्रण कैसे किया जाए। समिति को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि हम समय पर सुधारात्मक कदम उठा सकें।”
2019, 2023 और अब 2025 में आई लगातार बाढ़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब को भविष्य में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाओं के लिए तैयार रहना चाहिए। राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि हाल की बाढ़ों ने यह साबित कर दिया है कि हमें एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता है। चाहे वह रणजीत सागर डैम से पानी छोड़ने का मामला हो या कैचमेंट क्षेत्रों से नालों में अचानक आने वाला पानी — हर स्थिति के लिए एक सुविचारित तंत्र आवश्यक है।
कपूरथला के विधायक ने दोहराया कि पंजाब की कृषि और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक सक्रिय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “यह हमारा कर्तव्य है — अपने किसानों और आने वाली पीढ़ियों के प्रति।”